जीत हो गई, अब लौट आओ, After Victory Kisan Need To Return

November 25, 2021 Chander Mohan 0

यह कहते हुए कि “साथियों…आज गुरू नानकदेव जी का पवित्र पर्व है। मैं देशवासियों से क्षमा माँगते हुए कहना चाहता हूँ कि शायद हमारी तपस्या मे कुछ कमी रह गई होगी जिस कारण किसान भाईयों को हम समझा नही पाए”, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तीन कृषि क़ानून वापिस लेने की घोषणा कर दी। जैसे प्रधानमंत्री मोदी की जीवनी लिखने वाले निलांजन मुखोपाध्याय ने भी लिखा है, “ निर्णय वापिस लेना बहुत गैर-मोदी क़दम है”। यह एक एतिहासिक घटना है क्योंकि यह सरकार और यह प्रधानमंत्री निर्णय वापिस लेने या दबाव में आने के लिए नही जाने जाते। यह किसान संघर्ष की बड़ी  जीत है जिन्होंने अत्यन्त कठिन परिस्थिति में लगातार एक साल अपना आन्दोलन  चलाया और अजय समझने वाली सरकार […]

नियंत्रण से बाहर होता किसान आन्दोलन, Kisan Agitation Goes Out of Control

January 28, 2021 Chander Mohan 0

गणतन्त्र दिवस पर दिलली की घटनाएँ बहुत विचलित करने वाली हैं। जो किसान आन्दोलन अपनी शान्ति और व्यवस्था के लिए दुनिया के लिए मिसाल था, अचानक नियंत्रण से बाहर हो गया। न केवल बैरिकेड तोड़े गए बल्कि अनुशासन  में रहने के वादे भी तोड़ दिए गए। जिन मार्ग पर जाने का वादा किया था उन्हें छोड़ते हुए दिलली में घुस गए। आन्दोलन पर किसी का नियंत्रण नही रहा। संयुक्त किसान मोर्चे के नेता जो रोज़ टीवी पर नज़र आते थे, ग़ायब हो गए क्योंकि  कोई उनकी सुन नही रहा था। लेकिन ज़िम्मेवारी तो उनकी बनती है। जब ट्रैक्टर मार्च के लिए हज़ारों किसानों को राजधानी में इकट्ठा किया  गया तो यह सम्भावना तो सदैव थी कि कुछ नियंत्रण से बाहर […]

बापू की पीठ करवा दो Turn Mahatma’s Back To Parliament

September 24, 2020 Chander Mohan 0

केन्द्रीय मंत्रिमंडल से हरसिमरत कौर बादल का इस्तीफ़ा फेस सेविंग यानी लाज रखने वाला ही कहा जाएगा। वह मंत्रिमंडल की उस बैठक में उपस्थित थी जिस में कृषि सम्बन्धी तीन बिलों को अनुमति दी गई। हरसिमरत कौर तब विरोध कर इस्तीफ़ा दे सकती थीं। उलटा सरदार प्रकाश सिंह बादल से इन के पक्ष में बयान दिलवा दिया। यह तो जब किसानों में इनके ख़िलाफ़ ग़ुस्सा फूटा और कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने असुखद सवाल पूछने शुरू कर दिया तो समझ आगई कि अगर यू टर्न नही लिया तो अकाली दल का बचा खुचा आधार भी तमाम हो जाएगा। अकाली दल अपने 100 साल लम्बे इतिहास के सबसे अंधकारमय काल से गुज़र रहा है। 2017 के चुनाव में उन्हें 117 में से […]