शुरुआत की तरफ सफर या तनाव की तरफ वापिसी? (Will Kartarpur Corridor be a Bridge of Peace ?)
9 नवम्बर का दिन ऐतिहासिक होगा जब सात दशकों की इंतजार के बाद पाकिस्तान में स्थित गुरुद्वारा करतारपुर साहिब जहां गुरु नानक देव ने अपने अंतिम दिन गुजारे थे, के दर्शन के लिए गलियारा खोल दिया जाएगा। इसे लेकर संगतों में भारी उत्साह है आखिर बहुत पुरानी हसरत पूरी हो रही है पर इस गलियारे के उद्घाटन समागम को लेकर पंजाब में कुछ दुर्भाग्यपूर्ण विवाद रहा है कि कौन मंच लगाएगा, कौन नहीं? कितनी शर्मनाक बात है कि ऐसे ऐतिहासिक दिन को भी सब नेता मिल कर मनाने को तैयार नहीं जबकि सब खुद को गुरु नानक देव जी के अनुयायी कहते हैं जिन्होंने सदा भाईचारे, सादगी तथा बराबरी का संदेश दिया था। क्या एक दिन के लिए हम राजनीति […]