Rahul Gandhi : Waiting For 2024

April 11, 2019 Chander Mohan 0

The cat was out of the bag the day Priyanka Vadra Gandhi while discussing election with workers in Amethi said,’ not this one but 2022’. Priyanka was talking of the next UP Vidhan Sabha election. This was the first indication that the First Family of the Congress is not concentrating on this election but looking ahead.  This was further confirmed when Congress President Rahul Gandhi chose to fight also from Wayanad in Kerala for there he is pitted against not the BJP but the CPM whose leaders till some time back were comrades in arms of the then emerging but now defunct all India anti-BJP alliance.  It is being said that Rahul’s move will help his party in the South […]

2024 की इंतजार में राहुल गांधी (Rahul Gandhi: Waiting For 2024)

April 11, 2019 Chander Mohan 0

वैसे तो बिल्ली थैले से बाहर उस दिन ही आ गई थी जब अमेठी में कार्यकर्त्ताओं से चुनाव की तैयारी के बारे बात करते वक्त प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा था, “इस वाले चुनाव की नहीं 2022 वाले की।“ प्रियंका का यह कहना पहला यह संकेत था कि कांग्रेस का प्रथम परिवार आज से शुरू होने वाले चुनाव पर नहीं बल्कि भावी चुनावों पर केन्द्रित है। प्रियंका 2022 के विधानसभा की बात कर रहीं थीं पर राहुल गांधी द्वारा केरल में वायनाड से भी चुनाव लडऩा बताता है कि कांग्रेस अध्यक्ष 2022 से भी आगे 2024 के लोकसभा चुनाव पर केन्द्रित है। कहने को तो कहा जा रहा है कि राहुल गांधी के वायनाड से लडऩे का दक्षिण भारत के […]

मायावती, मंज़िल और मजबूरी (Mayawati, Ambition and Limitation)

October 11, 2018 Chander Mohan 0

2014 के आम चुनाव में मायावती की बसपा को एक भी सीट नहीं मिली थी। 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी बसपा का प्रदर्शन कमज़ोर रहा था तथा पार्टी को मात्र 19 सीटें ही मिली थीं। पिछले वर्षों में बसपा का ग्राफ तेजी से गिरा है। पांच सालों में बसपा ने 2021 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ा लेकिन केवल 32 सीटें ही जीत पाई। आठ राज्यों में वह अपना खाता भी नहीं खोल पाई। लोकसभा चुनावों में पार्टी ने 503 उम्मीदवार खड़े किए, एक भी जीत नहीं सका। 99 प्रतिशत उम्मीदवार तो जमानत तक नहीं बचा सके। जिन तीन प्रदेशों में चुनाव होने जा रहे हैं उनमें पिछली बार मध्यप्रदेश में बसपा को छ: प्रतिशत, राजस्थान में तीन […]

दिल्ली अभी दूर है (Dilli Abhi Door He)

April 26, 2016 Chander Mohan 0

‘संघ मुक्त भारत’ का आह्वान देकर नीतीश कुमार ने अभी से 2019 के लिए अपनी महत्वकांक्षा की ऊंची घोषणा कर दी है। वह चाहते हैं कि संघ, अभिप्राय नरेन्द्र मोदी तथा भाजपा से है, को हराने के लिए एक महागठबंधन बनाया जाए जिसका नेतृत्व (और कौन?) वह खुद करें। ‘संघ मुक्त भारत’ कैसा होगा? यह कोई राजनीतिक दल नहीं। और जिस संघ की देश भर में 57,000 शाखाएं हैं उससे मुक्ति नीतीशजी को कैसे मिलेगी? 1967 में राम मनोहर लोहिया ने कांग्रेस के खिलाफ ऐसा महागठबंधन बनाने का प्रयास किया था। लोहिया का कांग्रेस विरोधी गठबंधन स्थायी नहीं रहा था। मोरारजी देसाई, वीपी सिंह, चन्द्रशेखर, देवेगौड़ा और इन्द्र कुमार गुजराल की सरकारें लड़खड़ातीं और अंतरविरोध से भरी हुई थीं इसलिए […]