थोड़ा है थोड़े की ज़रूरत है (Thoda He Thoda Ki Zaroorat He)
शहीद राम प्रसाद बिस्मल जिन्हें 19 दिसम्बर 1927 में फांसी दी गई थी, ने लिखा था, कभी वह दिन भी आएगा जब अपना राज होगा, जब अपनी ही जमीं होगी और अपना आसमां होगा! अब जबकि देश आजादी के सात दशक पूरे कर रहा है देखने की जरूरत है कि हमने अपनी जमीं और अपने आसमां का बनाया क्या है? इसमें कोई शक नहीं कि देश ने बेहद तरक्की है। बाहर के लोग पूछते हैं कि अगला सुपर पावर कौन है, चीन या भारत? इस वक्त हमारी अर्थव्यवस्था योरूप की अर्थव्यवस्था से चार गुणा तेजी से बढ़ रही है और 2030 के दशक में हम यूरोपियन यूनियन की अर्थव्यवस्था को मात दे देंगे। 2050 तक हमारी अर्थव्यवस्था यूरोपियन यूनियन से […]