जिस दिन भगत सिंह को फाँसी दी गई, The Day Bhagat Singh Was Hanged

March 23, 2023 Chander Mohan 0

हमारी आज़ादी की लड़ाई ने अनेकों नायक पैदा किए हैं पर दो हैं जो अपनी विशेष छाप छोड़ गए। दोनों ही  शहीद हुए। अगर गांधी जी सबसे आदरणीय नेता थे तो भगत सिंह सबसे प्रिय। दोनों के सिद्धांत बिलकुल अलग थे लक्ष्य चाहे एक था, भारत की आज़ादी। गांधीजी का  अहिंसा में पूर्ण विश्वास था जबकि भगत सिंह और उनके साथी समझते थे कि लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हिंसा की ज़रूरत पड़ जाए तो इस्तेमाल की जा सकती है। दोनों की अलग अलग विरासत है। गांधी जी का अहिंसा का सिद्धांत दुनिया आज भी याद करती है चाहे अमल कोई नहीं करता। भगत सिंह आज भी युवाओं के प्रेरणा स्रोत है। उत्तर भारत में आज भी युवा पीली पगड़ी […]

आंख में पानी नहीं आग भरो (It Can’t Be Left Unanswered)

February 21, 2019 Chander Mohan 0

दिल्ली के पालम हवाई अड्डे के टैक्निकल क्षेत्र में पुलवामा में शहीद हुए 40 जवानों के शव रखे हुए थे। उस वक्त एक चैनल ने लता मंगेशकर का मशहूर गाना लगा दिया,”ऐ मेरे वतन के लोगों ज़रा आंख में भर लो पानी।“ बहुत भावुक क्षण था। विपक्ष भी पूरा सहयोग दे रहा था। पुलवामा के बाद देश बदल गया था। शोक में हम इकट्ठे थे और खून सबका खौल रहा था इसलिए मेरा मानना है कि लताजी के इस आइकानिक गाने में अब संशोधन करने की जरूरत है। आज आंख में पानी नहीं आग भरने की जरूरत है। यह 1962 का भारत नहीं जिसे चीन रौंद सका था। वह पराजय एक टूटे, कमज़ोर, बेतैयार और घबराए हुए देश की पराजय […]

जिस दिन भगत सिंह को फांसी दी गई (The Day Bhagat Singh was Hanged)

March 22, 2018 Chander Mohan 0

हमारे आजादी के आंदोलन ने बड़े-बड़े नायक पैदा किए हैं लेकिन भगत सिंह और उनके साथी राजगुरु तथा सुखदेव की अपनी अलग जगह रहेगी। भगत सिंह विशेष तौर पर आजादी की लड़ाई के क्रांतिकारी लोकनायक थे। उनकी शहादत के 87 वर्ष के बाद भी आज कई युवा पीली पगड़ी पहन कर भगत सिंह के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं जबकि भगत सिंह ने कभी पीली पगड़ी नहीं डाली। याद रखना चाहिए कि वह अलग समय था। अब कोई भगत सिंह पैदा नहीं होगा। भगत सिंह का जीवन अत्यंत रोचक है। जन्म जाट सिख परिवार में हुआ जिस पर आर्य समाज का बड़ा प्रभाव था। बाद में मार्कसी विचारधारा से प्रभावित होकर भगत सिंह नास्तिक बन गए और उन्होंने भगवान […]