मेरा हक़ है फसले बहार पर !

December 31, 2013 Chander Mohan 1

मेरा हक है फसले बहार पर! आसाराम बापू, तरुण तेजपाल तथा जस्टिस गांगुली से घायल 2013 अपने अंतिम माह में देश को रोमांचित  और आशावादी बना गया। ‘आप’ की जीत में हम राजनीति में आदर्शवाद की वापसी देख रहे हैं। गांधी जी का यह कथन याद आता है कि ‘‘नैतिकता के बिना राजनीति से दूर ही रहना चाहिए।’’ आदर्शवाद व्यावहारिक नहीं रहता क्योंकि यथार्थ बहुत कड़वा, बदसूरत और गंदा होता है लेकिन यहां इतना कड़वा, बदसूरत और गंदा है कि शुद्धि की बहुत जरूरत है। संभावना नहीं कि अरविंद केजरीवाल का परीक्षण अधिक सफल रहेगा क्योंकि निहिथ स्वार्थ सफल नहीं होने देंगे लेकिन किसी ने यह आस तो जगाई है कि ‘वो सुबह कभी तो आएगी!’ कि मूलभूत राजनैतिक