
हम मूर्खता की हदें पार कर रहें हैं, We Are Crossing Limits Of Foolishness
मुग़ल बादशाह औरंगजेब की मौत 1707 में हो गई थी। उसकी मौत एक बूढ़े थके हुए आदमी की थी जिसने खुद स्वीकार किया था कि उसने बड़े पाप किए हैं। यह भी लिखा था कि ‘ख़ुदा किसी को बादशाह न बनाए’। दक्षिण में लम्बा सैनिक अभियान उसे खोखला छोड गया था। उसे महाराष्ट्र में औरंगाबाद से कुछ दूर खुलताबाद में एक साधारण कब्र में दफ़नाया गया जिसके उपर छत भी नहीं थी, न ही दीवार है। बताया जाता है कि औरंगजेब खुद ऐसा चाहता था और अपनी वसीयत में लिख गया था। संगमरमर का फ़र्श और जाली बाद में लगाए गए नहीं तो पहले उसके दफ़नाए जाने की जगह मिट्टी का ढेर ही था। आज 318 साल के बाद उसकी […]