मुम्बई पर 26/11 हमला: हमारी प्रतिक्रिया अशक्त थी, Mumbai 26/11 Attack: Our Reaction Was Feeble

April 17, 2025 Chander Mohan 0

“मैं उस दिन का सपना देखता हूं जब हम अमृतसर में ब्रेकफास्ट, लाहौर में लंच और काबुल में डिनर कर सकेंगे”—डा. मनमोहन सिंह, प्रधानमंत्री भारत, 8/1/2007 महीने के अंदर अंदर ही यह शब्द हमारे भोले प्रधानमंत्री को परेशान करेंगे क्योंकि 26/11/2008 को पाकिस्तान से भेजे गए आतंकियों ने मुम्बई, पर हमला कर दिया। तीन दिन गोलीबारी होती रही जिसमें 166 लोग मारे गए। मुम्बई पर हमले से कोई सबक़ नही सीखा गया। दोस्ती का हाथ लेकर प्रधानमंत्री वाजपेयी बस में लाहौर गए और कारगिल हो गया, नरेन्द्र मोदी नवाज़ शरीफ़ के पारिवारिक समारोह में शामिल होने के लिए लाहौर उतरे तो उरी और पठानकोट एयर बेस पर हमले हो गए। मुम्बई हमले के एक बड़े आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को […]

भारत और पश्चिम : असहज रिश्ते, India And The West: Uneasy Relations

October 10, 2023 Chander Mohan 0

खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की कैनेडा में हत्या के बाद उठे बवाल पर लंडन के साप्ताहिक द इकोनॉमिस्ट का कहना है, “अगर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जाँच भारत की संलिप्तता की पुष्टि करती है तो पश्चिमी देशों को नरेन्द्र मोदी के साथ सख़्त होने की ज़रूरत है…”। कितना अहंकार और  कितनी हिमाक़त इस कथन में भरी हुई है। आप दुनिया के हैड मास्टर हो क्या? पश्चिम के कई अख़बार और टीवी मीडिया यह बात दोहरा रहें  है कि भारत और उसके नेतृत्व के प्रति ‘सख़्त’ होने का समय है जबकि अभी तक हमारे ख़िलाफ़ कोई सबूत नहीं दिया गया। जब हमारे दूतावासों पर हमले होते हैं, या हमारे राजनयिकों की हत्या करने के पोस्टर लगते हैं तो यह […]

यह कैसा पाकिस्तान है ?

December 23, 2014 Chander Mohan 0

यह कैसा पाकिस्तान है? पेशावर में तालिबान के हमले में मारे गए बेटे के बाप ने विलाप करते हुए सवाल किया है, ‘इतने छोटे बच्चों को कौन मारता है? खुदा के वास्ते यार! कोई सुनने वाला भी है पाकिस्तान में?’ यही आवाजें सारे पाकिस्तान से गूंज रही हैं कि यह कैसा इस्लाम है? क्या इसलिए पाकिस्तान बनाया गया था? लंदन के ‘इकॉनोमिस्ट’ अखबार ने सेना के एक अधिकारी को कहते बताया है कि ‘मुझे मालूम नहीं कि पाकिस्तान मजहब के नाम पर बनाया गया था या नहीं, पर निश्चित तौर पर यह मजहब के नाम पर तबाह किया जा रहा है।’ वरिष्ठ पत्रकार महर तरार लिखती हैं, ‘मेरा मुलक दर्द से चीख रहा है।’ इससे पहले 2004 में रूस के […]