यह इश्क नहीं आसान
यह इश्क नहीं आसान नरेन्द्र मोदी -नवाज शरीफ मुलाकात से कुछ बदलाव आएगा? कि नवाज शरीफ को निमंत्रण स्वीकार करने में तीन दिन लग गए जिससे पता चलता है कि अपने देश के अंदर ताकतवार भारत विरोधी ताकतों को मनाना उनके लिए कितना कठिन काम रहा होगा। मोदी के शपथ ग्रहण से तीन दिन पहले हेरात में हमारे दूतावास पर हमला करवा पाकिस्तान की आईएसआई ने अपनी ही सरकार को भारत के प्रति अधिक गर्मजोशी दिखाने के खिलाफ चेतावनी दी थी। नवाज शरीफ बारे दो सवाल उठते हैं, (1) क्या वे भारत के साथ वास्तव में संबंध बेहतर करना चाहते हैं? (2) क्या वे ऐसा कर भी