कांग्रेस का बेवजह एतराज़, Congress Complains Unnecessarily

August 24, 2023 Chander Mohan 0

जवाहर लाल नेहरू देश के महानतम प्रधानमंत्री थे। यह बात पहले भी मैं कई बार लिख चुका हूँ आज फिर दोहरा रहा हूँ कि अगर नेहरू विभाजन से त्रस्त लडखडाते लगभग कंगाल भारत को न सम्भालते तो शायद हमारा हश्र पाकिस्तान जैसा होता। गांधीजी की हत्या 30 जनवरी 1948 को हो गई और सरदार पटेल का देहांत 15 दिसम्बर 1950 को हो गया। अर्थात् जिस त्रिमूर्ति ने हमारी आज़ादी की लडांई का नेतृत्व किया उसमें से 1951 में केवल नेहरू बचे थे। योजना आयोग से लेकर भाखड़ा डैम, आईआईटी, आईआईएम, एम्स, भाभा परमाणु संस्थान, इसरो बहुत कुछ की नींव  नेहरू के समय  डाली गई।  यह सब उस वकत हुआ जब हम बहुत पिछड़े हुए थे। संसदीय लोकतंत्र की स्वस्थ परम्परा […]

“मैं भी काफिर, तूं भी काफिर” (We are all Kafirs)

January 24, 2019 Chander Mohan 0

इमरान खान साहिब आजकल हमसे कुछ अधिक चिढ़े हुए हैं। भारत को चुभाने का वह कोई भी मौका जाने नहीं देते। वह एक दिवालिया सरकार के मुखिया हैं और धीरे-धीरे समझ आ रही है कि अगर पाकिस्तान ने डूबने से बचना है तो भारत के साथ व्यापार शुरू करना होगा जिसके लिए बेहतर संबंधों की जरूरत है। इसीलिए कभी कहते हैं कि  ‘अगर भारत एक कदम आगे आएगा तो हम दो कदम आगे आएंगे’, ‘भारत के साथ संबंधों को लेकर मैं और सेना एक ही पेज पर हैं,’ आदि। लेकिन भारत की तरफ से सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं हो रही इसीलिए बहुत चिढ़चिढ़े हो गए हैं। भारत पर फिर ज़हर उगलने का मौका उन्हें अभिनेता नसीरुद्दीन शाह की उस टिप्पणी से […]

विभाजन और भव्य त्रिमूर्ति (Partition: The Grand Triumvirate)

November 15, 2018 Chander Mohan 0

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और वह लोग जो जवाहर लाल नेहरू को आजादी के बाद प्रधानमंत्री बनाए जाने की आलोचना करते हैं यह भूलते हैं कि यह फैसला महात्मा गांधी का था जिसे सरदार पटेल ने सहर्ष स्वीकार किया था। गांधी जी ने जवाहर लाल नेहरू के बारे लिखा था, “यह मेरी भाषा बोलेगा।” गांधी जी की इस इच्छा को पटेल ने खुशी से स्वीकार कर लिया था और उन्होंने नेहरू को कहा था, “उस लक्ष्य के लिए जिसके लिए भारत में किसी ने उतनी कुर्बानी नहीं दी जितनी आपने दी है मेरी बेहिचिक वफादारी और निष्ठा आपके साथ है। हमारी जोड़ी बेजोड़ है।“ जो लोग नेहरू की आलोचना करते हैं उन्हें पटेल के इन शब्दों का ध्यान रखना चाहिए जिनमें […]

क्योंकि तब सरदार पटेल थे (Because Sardar Patel was There)

November 8, 2018 Chander Mohan 0

सरदार वल्लभभाई पटेल के बारे मई 1933 में महात्मा गांधी लिखते हैं,“क्या मुझे इस बात का अहसास नहीं कि भगवान की मुझ पर कितनी अनुकंपा रही है कि मुझे वल्लभभाई जैसे असाधारण व्यक्ति का साथ मिला है। ” उन्होंने पटेल से यह भी कहा था, “तुम्हारा दिल शेर जैसा हैं”। लेकिन सरदार पटेल के योगदान के बारे सटीक टिप्पणी राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने मई 1959 में की थी कि, “आज एक भारत है जिसके बारे हम सोच सकते हैं और बात कर सकते हैं तो यह बहुत कुछ सरदार पटेल की शासन कला तथा मजबूत प्रशासन का परिणाम है।“ भारत की प्राचीन सभ्यता है लेकिन हम सदा बिखरे रहें हैं। यही कारण है कि 1947 से लगभग एक हजार […]