
भारत सरकार और पाकिस्तान का चिकन (Government of India and Pakistani Chicken)
खान अब्दुल गफ्फार खान जिनके नाम पर पेशावर के पास बाचा खान विश्वविद्यालय बनाया गया है, देश के विभाजन के खिलाफ थे। जब कांग्रेस विभाजन के लिए तैयार हो गई तो बादशाह खान नाराज़ हो गए और उन्होंने सवाल किया था कि हमें किसके सहारे छोड़ा जा रहा है? बाचा खान विश्वविद्यालय पर आतंकी हमले के बाद उनका पाकिस्तान की अवधारणा का विरोध एक बार फिर सही साबित हो रहा है। विश्वविद्यालय के छात्र बताते हैं कि हमला करने वाले ‘बिलकुल हमारे जैसे थे।’ उनके जैसे तो वह होंगे ही क्योंकि वह हैं तो उनमें से ही। पाकिस्तानी कौम का यह दुर्भाग्य है कि उनका अपना ही एक हिस्सा उन जानवरों की तरह है जो अपनी ही संतान को खा […]