कोरोना काल में सरकार और विपक्ष , Government and Opposition in Covid Times
आजाद भारत में इस महामारी से पहले बड़ा राष्ट्रीय संकट 1962 की सर्दियों में आया था जब चीन के हाथों हमें मार पड़ी थी। यह शिकस्त हमें बड़े सबक़ सिखा गई पर तब के घटनाक्रम में लोकतन्त्र के लिए भी सबक़ छिपा है। देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने निश्चित किया कि संसद में घटनाक्रम पर पूरी बहस हो। बहस के दौरान वह पूरा समय सदन में मौजूद रहे यह जानते हुए भी कि उनसे कड़वे और असुखद सवाल पूछे जाएँगे। वह महसूस करते थे कि वह देश के नेता हैं इसलिए जो कुछ हुआ सबसे अधिक उनकी जवाबदेही बनती है। विपक्ष ने सरकार और विशेष तौर पर नेहरू पर ज़बरदस्त हमला किया। उन्होने ख़ूब बेइज़्ज़ती सही। अगर […]