यह ऐतिहासिक और गौरवमय क्षण है, It is a glorious proud moment

January 25, 2024 Chander Mohan 0

यह एक ऐतिहासिक और गौरवमय क्षण है। यह क्षण गणतंत्र दिवस से भी जुड़ा हुआ है क्योंकि संविधान की मूल प्रति में मौलिक अधिकारों से जुड़े अध्याय में अयोध्या लौट रहे राम, सीता और लक्ष्मण का ख़ूबसूरत चित्र है।  अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पूर्ण श्रद्धा से सम्पन्न हो गई। 500 वर्षों का इंतज़ार ख़त्म हुआ। देश भर में इसे लेकर जो उत्साह और ख़ुशी है उससे पता चलता है कि लोग किस तरह इस क्षण की इंतज़ार कर रहे थे। विशेष श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जाता है जिनके नेतृत्व में यह गौरवपूर्ण क्षण के हम साक्षी हैं। जो मंदिर बना है उसकी भव्यता हमारी कलाकारी की उत्कृष्ट मिसाल है। यह अंतर नहीं पड़ता कि अभी मंदिर पूरा […]

असमानता का गणराज्य, Republic of Inequality

January 27, 2022 Chander Mohan 0

भारत कभी भी सबके लिए बराबर का देश नही रहा। असमानता यहाँ स्थाई है। हमारे राजा महाराजा प्रजा को लूटते रहे और ख़ुद विलास की ज़िन्दगी व्यतीत करते रहे। अंग्रेज़ों ने तो बाक़ायदा एक विशेषाधिकार सम्पन्न वर्ग स्थापित कर दिया और उन्हे ‘सर’, ‘रायबहादुर’, ‘रायज़ादा’ जैसे ख़िताबों से नवाज़ा गया। आज़ादी के बाद आशा बढ़ी की यह ग़ैर बराबरी अगर खत्म नही होती तो कम तो हो जाएगी।  हमारे संविधान का ‘प्रीएम्बल’ अर्थात  प्रस्तावना  जहाँ ‘समाजिक, आर्थिक और राजनीतिक नयाय’ पर जोर देता है,वहां ‘अवसर की समता’ का संकल्प भी व्यक्त करता है। 1976 मे एमरजैंसी के दौरान इस में भारत को  ‘समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य’ बनाने का भी वायदा जोड़ा  गया। ‘समाजवाद’ जोड़ने का भी यही मक़सद था कि […]

कल, आज और कल (Past, Present and Future of India)

January 25, 2018 Chander Mohan 0

आर्थिक इतिहासकार एंगल मैडीसन के अनुसार सन् 1700 तक भारत विश्व के उत्पादन का 25 प्रतिशत पैदा करता था। 1870 तक यह गिर कर 12 प्रतिशत रह गया। अब हम 5-6 प्रतिशत तक ही हैं। कई इतिहासकार लेकिन कहते हैं कि भारत का सुनहरा युग मौर्य साम्राज्य (ईसा से 320 वर्ष पहले) तथा गुप्त साम्राज्य (ईसा के बाद 300-500 वर्ष) था। मौर्य साम्राज्य उस वक्त का सबसे बड़ा साम्राज्य था। आज जबकि 10 आसियन देशों के राष्ट्राध्यक्ष नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में मौजूद हैं एक बार फिर भारत की समृद्ध संस्कृति और विरासत की चर्चा हो रही है। भारत से हिन्दू धर्म तथा बौद्ध धर्म पूर्व ऐशिया में फैल गए थे। कई शताब्दियां बीत जाने के बाद […]

हम हिन्दोस्तानी (Hum Hindustani)

January 25, 2016 Chander Mohan 0

गणतंत्र दिवस वह मौका है जब हम अपने अतीत, वर्तमान तथा भविष्य की तरफ नज़र दौड़ाएं। आत्ममंथन करें कि क्या हमें जहां पहुंचना था वहां हम पहुंच सके हैं? अगर नहीं तो कहां कमी रह गई, क्या कुछ करना बाकी है? आजादी से पहले राम प्रसाद बिसमिल जो बाद में शहीद कर दिए गए थे, ने लिखा था, कभी वो दिन भी आएगा जब अपना राज देखेंगे जब अपनी ही जमीं होगी और अपना ही आसमां होगा अब हमें आजाद हुए साढ़े 68 साल हो गए हैं। यह वक्त काफी होता है यह जायज़ा लेने के लिए कि क्या हम सही रास्ते पर हैं क्योंकि बिसमिल ने यह भी लिखा था, उरूज़ कामयाबी पर कभी हिन्दोस्तां होगा! क्या हम उस […]