अचानक सारी कहानी बदल रही है, The Narrative is Changing

May 23, 2024 Chander Mohan 0

चन्द्र मोहन यह बिल्कुल लहर विहीन चुनाव है जैसा मैंने एक महीने पहले अपने लेख में भी लिखा था। यह नहीं कि लोगों को दिलचस्पी नहीं है। गली, मोहल्लों, चौपालों, बैठकों, रेलों, बसों में सब जगह चर्चा चुनाव की ही है। लेकिन परिणाम को लेकर एक प्रकार की अपरिहार्यता है, ‘आएँगें तो वो ही’। पर उत्साह नहीं है, न किसी के पक्ष में, न किसी के विपक्ष में। 2014 और 2019 वाला जोश ग़ायब है। 2014 में जनता यूपीए सरकार के घपलों से परेशान थी, और 2019 में बालाकोट पर कार्यवाही ने लहर पैदा कर दी थी। इस बार ऐसा कुछ नहीं है। पाकिस्तान तो मुद्दा ही नहीं रहा चाहे कुछ नेता उठाने की कोशिश करते रहतें हैं। स्थानीय फ़ैक्टर […]