भारत-रूस, ढीली दोस्ती, India -Russia Weak Friendship
एक समय था जब सोवियत यूनियन के नेता निकिता क्रुश्चेव ने भारत से कहा था ‘आप हिमालय से हमें आवाज़ लगाओ हम दौड़े चले आऐंगे’। इससे पहले सितम्बर 1959 में बीजिंग में एक तल्ख़ मुलाक़ात के दौरान क्रुश्चेव ने माओ जीडोंग पर आरोप लगाया था कि भारत के साथ झड़प और तिब्बत की स्थिति जिसके कारण दलाई लामा को तिब्बत छोड़ना पड़ा, के लिए पूरे तौर पर चीन ज़िम्मेवार है। क्रुश्चेव इतने नाराज़ हो गए कि अपनी सरकारी यात्रा बीच छोड़ बीजिंग से लौट आए। 1962 के युद्ध के दौरान सोवियत यूनियन का झुकाव हमारी तरफ था। तब से लेकर अब तक स्थिति बहुत बदल चुकी है। शीतयुदध में पश्चिम के हाथो पराजित होने का बाद सोवियत यूनियन ही […]