भारत, न ‘कांग्रेस मुक्त’ न ‘भाजपा मुक्त’ (India Neither Congress Mukt nor BJP Mukt)
लोगों ने संतुलन कायम कर दिया। इन पांच राज्यों के परिणाम का अगर कोई संदेश है तो यह कि भारत की जनता को अपना विपक्ष चाहिए। वह एक पार्टी के भरोसे नहीं रहना चाहती क्योंकि बहुत संभावना है कि तब तानाशाही रवैया हावी हो जाता है जो हमने नोटबंदी के समय देखा भी जब लोगों की तकलीफों की चिंता किए बिना और बिना बहुत तैयारी किए कठोर आर्थिक कदम लोगों के गले उतारने की कोशिश की गई। सोचा नहीं कि इसका आम आदमी की जिंदगी पर कितना भयावह असर हो सकता है। 2014 में भाजपा के पास केवल 4 प्रदेश थे इन चुनावों से पहले 20 थे। 2014 के बाद हुए प्रादेशिक चुनावों में कांग्रेस केवल पंजाब और पुड्डेचेरी ही […]