इंसानियत अभी ज़िन्दा है, When State Fails Society Rises

May 13, 2021 Chander Mohan 0

चारों तरफ़ बेबसी का माहौल है। भविष्य के प्रति अनिश्चितता है। शिखिर पर सन्नाटा है। पहले जीने के लिए अस्पतालों के आगे क़तार लगती थी, अब मरने के बाद शमशानघाट के आगे क़तार लग रही है। भारी चिन्ता है कि ग्रामीण क्षेत्र, विशेषतौर पर उत्तर प्रदेश और बिहार, जो पहली लहर में बचे रहे थे वह अब प्रभावित हो रहें हैं। गाँव वाले खाँसी बुखार की बात कर रहें हैं, असलियत क्या है कोई जानता नही क्योंकि अधिकतर गाँवों में अंगरेज़ो के समय की हैल्थ व्यवस्था है। विदेशों से एनआरआई और सरकारें सहायता भेज रहीं हैं लेकिन बाबू मानसिकता यहां भी अड़चन डाल रही है। ग़ुस्से से भरे एक एनआरआई सज्जन ने शिकायत की है कि बाहर से भेजे सिलेंडर […]