मनमोहन सिंह: इतिहास क्या कहेगा?, How Will History Judge ManMohan Singh?

April 11, 2024 Chander Mohan 0

33 वर्ष सांसद रहने के बाद 91 वर्षीय डा.मनमोहन सिंह सक्रिय राजनीति से रिटायर हो गए है। शायद ही कोई और राजनेता होगा जिसका उनके जैसा अनुभव और देश के प्रति उनके जैसा योगदान होगा। वह मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे, रिसर्व बैंक के गवर्नर रहे,भारत सरकार के वित्त सचिव रहे,यूजीसी के अध्यक्ष रहे,योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहे,1991 में वित्त मंत्री बने और 2004 मे देश के प्रधानमंत्री बन गए। इतनी बड़ी प्रशासनिक और राजनीतिक यात्रा के बाद भी वह उसी तरह बेदाग़ हैं जैसे वह यह यात्रा शुरू करने के समय थे। उनके शासन काल के साथ कुछ विवाद भी जुड़े हैं जिन पर आगे चल कर चर्चा करूँगा, यहाँ यह कहना चाहूँगा कि आजकल ऐसे लोग नहीं मिलते। वह […]

अमिताभ बच्चन : ‘इंक़लाब’ जारी है !, Amitabh Bachchan: The Story Continues

October 20, 2022 Chander Mohan 0

कहतें हैं कि अमिताभ बच्चन के माता पिता, हरिवंश राय बच्चन और तेज़ी बच्चन, ने गांधीजी के ‘भारत छोड़ो आन्दोलन’ से प्रेरित होकर अपने पहले बेटे का नाम ‘इंक़लाब’ रखा था। हरिवंशराय बच्चन कवि, लेखक और सांसद थे और तेज़ी बच्चन पाकिस्तान के लायलपुर के सिख परिवार से थीं। बाद में अमिताभ नाम रखा गया। नाम चाहे बदल गया हो पर हरिवंशराय बच्चन और तेज़ी बच्चन की संतान द्वारा  विशेष तौर पर 1973 में आई ज़ंजीर से समाज में जो इंक़लाब शुरू किया वह कौन बनेगा करोड़पति के रास्ते आजतक जारी है।पुराने ज़माने में ब्लैक में टिकट लेकर बहुत लोग अमिताभ बच्चन की फ़िल्म पहला दिन पहले शो देखने जाते थे। अंधेरा सिनेमा हॉल में उनके साथ हम सब हंसे, रोए, नाचे, गाए, रोमांस किया। आज भी उनके 80 वें जन्मदिन पर कौन बनेगा करोड़पति के सैट पर उनके साथ बहुत लोग भी भावुक हुए थे। जब कोलकाता के ईडन गार्डन  में भारत और पाकिस्तान के बीच टी-20 मैच के शुरू होने से पहले उन्होंने राष्ट्र गान गाया था तो रोंगटे खड़े हो गए […]

सोनिया गांधी और राष्ट्रीय हित, Sonia Gandhi And National Interest

April 14, 2022 Chander Mohan 0

विंसटन चर्चिल भारत की आज़ादी के बिलकुल ख़िलाफ़ था और महात्मा गांधी से तो नफरत करता था, पर बंदा अभिव्यक्ति की कला का माहिर था। अपने साथी देश जो हिटलर के विस्तारवाद के ख़िलाफ़ समय रहते निर्णय नही ले पा रहे थे के बारे चर्चिल ने कहा था, “उनका निर्णय है कि वह अनिर्णित है, निश्चित हैं कि वह अनिश्चित है, बहाव के लिए दृढ़, तरलता के लिए ठोस, अशक्त रहने के लिए सर्वशक्तिमान”। आज कांग्रेस की जो हालत देखता हूँ और उसकी अध्यक्ष की निर्णय लेने में  अकर्मण्यता देखता हूँ तो चर्चिल के यह शब्द याद आजाते हैं, निश्चित हैं कि अनिश्चित हैं…! वैसे तो पी वी नरसिम्हा राव ने एक बार कहा था कि ‘ अनिर्णय भी एक […]

सोनिया गांधी की वापिसी (Return of Sonia Gandhi)

August 22, 2019 Chander Mohan 0

सोनिया गांधी अपने पति राजीव गांधी के राजनीति में प्रवेश और बाद में प्रधानमंत्री बनने के जबरदस्त विरुद्ध थी। इंदिरा गांधी ने खुशवंत सिंह को बताया था कि  “राजीव की राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है। सोनिया ने धमकी दी है कि अगर वह राजनीति में कदम रखेंगे तो वह तलाक दे देंगी।” लेकिन पहले संजय गांधी की हवाई दुर्घटना में मौत और फिर खुद इंदिरा गांधी की हत्या ने सब कुछ बदल डाला। जिस वक्त अभी इंदिरा गांधी का गोलियों से छलनी शव हस्पताल में ही था, दूसरे कमरे में सोनिया गांधी अपने पति से “शेरनी की तरह” , यह शब्द उनके अपने हैं, लड़ रही थीं कि वह प्रधानमंत्री न बने। बाद में उन्होंने कहा था, “राजीव के […]

आकस्मिक और लाचार प्रधानमंत्री (Accidental and Ineffective PM)

January 3, 2019 Chander Mohan 0

वैसे तो देश में कई  ‘एक्सिडैंटल’  अर्थात आकस्मिक प्रधानमंत्री रहें हैं। सबसे प्रमुख नाम इंदिरा गांधी का है। अगर शास्त्रीजी का ताशकंद में देहांत न होता तो देश का राजनीतिक इतिहास ही कुछ और होता। न तब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनती और न ही दशकों एक परिवार का शासन रहता। सोनिया गांधी खुद प्रधानमंत्री क्यों नहीं बनी यह भी रहस्य की बात है क्योंकि वह पहले 1999 में प्रधानमंत्री बनने की महत्वकांक्षा प्रदर्शित कर चुकी थीं पर मुलायम सिंह यादव ने अडिंग़ा दे दिया। शायद इसी अनुभव को याद रखते हुए उन्होंने महत्वकांक्षाविहीन डॉ. मनमोहन सिंह को 2004 में प्रधानमंत्री घोषित कर दिया था। तब सोनिया गांधी की ‘कुर्बानी’ का बहुत प्रचार किया गया लेकिन बाद में स्पष्ट हो गया […]

इंदिरा गांधी और नरेन्द्र मोदी (Indira Gandhi and Narendra Modi)

November 29, 2016 Chander Mohan 0

राजदीप सरदेसाई के साथ इंटरव्यू में सोनिया गांधी का कहना था कि वह इससे सहमत नहीं कि नरेन्द्र मोदी इंदिरा गांधी जैसे ताकतवर नेता हैं। दिलचस्प है कि हमारे बड़े बड़े दबंग पत्रकार जब बड़े नेताओं से बात करते हैं तो उनकी सारी बोलती बंद हो जाती है। अरनब गोस्वामी की नरेन्द्र मोदी के साथ और अब राजदीप सरदेसाई की सोनिया गांधी की इंटरव्यू में भी इंटरव्यू करने वाला बिलकुल दब्बू था। प्रभाव यह दे रहे थे कि अपने सामने बैठे व्यक्ति के आभा मंडल से वह मंत्रमुग्ध हैं। जहां तक इंदिरा गांधी तथा नरेन्द्र मोदी के बीच तुलना का सवाल है दोनों का व्यक्तित्व, पृष्ठभूमि तथा कैरियर अलग अलग हैं। इंदिरा गांधी का जन्म देश के सबसे प्रतिष्ठित परिवारों […]