‘मयखाने’ में कांग्रेस
‘मयखाने’ में कांग्रेस सोनिया गांधी ने जामा मस्जिद के इमाम सईद अहमद बुखारी को बताया कि कुछ हिचकिचाने के बाद उन्होंने राजनीति में प्रवेश करने का फैसला इसलिए किया ताकि ‘सैक्यूलरिज़्म’ को बढ़ाया जा सके। अभी तक तो यही समझा गया था कि कांग्रेस पार्टी में अपने परिवार की परम्परा कायम रखने के लिए सोनिया ने राजनीति में कदम रखा था लेकिन यहां वह इमाम बुखारी से कह रही थी कि नहीं, सब कुछ धर्मनिरपेक्षता के कारण किया गया। और इस कथित धर्मनिरपेक्षता को बचाने के लिए उन्होंने किस का सहारा लिया? इमाम बुखारी! जिनका कहना है कि फिरकापरस्ती भ्रष्टाचार से बड़ी बुराई है। पर एक तरफ धर्मनिरपेक्षता तो दूसरी तरफ इमाम बुखारी? क्या कांग्रेस की अध्यक्षा को इसमें विरोधाभास […]