
संसद चलनी चाहिए, Parliament Needs To Work
अच्छी बात है कि संसद की कार्यवाही पटरी पर लौट आई है। आशा है अब दुर्घटना नहीं होगी। पर पहले 15 दिन इधर उधर के तमाशों पर बर्बाद कर दिए गए। महंगाई,जीएसटी, अग्निपथ, चीन का अतिक्रमण, बढ़ती बेरोज़गारी, रूपए की स्थिति, जैसे मामलों पर सार्थक बहस होनी चाहिए। अगर यह प्रभाव फैल गया कि संसद मसलों का हल करने में प्रभावहीन है या प्रासंगिक नहीं रही तो लोगों के पास सड़कों पर उतरने का ही विकल्प रह जाएगा। कई संकेत है कि धीरज कम हो रहा है। संसद में टकराव नफ़रत से भरा और व्यक्तिगत बनता जा रहा है। तू तू मैं मैं उन मसलों पर होती रही है जिनका आम जनता से कोई मतलब नहीं। दो दर्जन के क़रीब […]