अचानक सारी कहानी बदल रही है, The Narrative is Changing

May 23, 2024 Chander Mohan 0

चन्द्र मोहन यह बिल्कुल लहर विहीन चुनाव है जैसा मैंने एक महीने पहले अपने लेख में भी लिखा था। यह नहीं कि लोगों को दिलचस्पी नहीं है। गली, मोहल्लों, चौपालों, बैठकों, रेलों, बसों में सब जगह चर्चा चुनाव की ही है। लेकिन परिणाम को लेकर एक प्रकार की अपरिहार्यता है, ‘आएँगें तो वो ही’। पर उत्साह नहीं है, न किसी के पक्ष में, न किसी के विपक्ष में। 2014 और 2019 वाला जोश ग़ायब है। 2014 में जनता यूपीए सरकार के घपलों से परेशान थी, और 2019 में बालाकोट पर कार्यवाही ने लहर पैदा कर दी थी। इस बार ऐसा कुछ नहीं है। पाकिस्तान तो मुद्दा ही नहीं रहा चाहे कुछ नेता उठाने की कोशिश करते रहतें हैं। स्थानीय फ़ैक्टर […]

देश की समस्या नम्बर-1, बेरोज़गारी, Problem No. 1-Unemployment

May 1, 2024 Chander Mohan 0

पहला समाचार महाराष्ट्र में मुम्बई से कुछ दूर पालघर से है जहां आदिवासी महिलाओं ने सरकार से मिले 5 किलो चावल और एक साड़ी यह कहते हुए लौटा दिए कि उन्हें ख़ैरात नहीं चाहिए, रोज़गार चाहिए। नरेन्द्र मोदी का चित्र लगे बैग में उन्हें राहत सामग्री भेजी गई थी पर लौटा दी गई क्योंकि उनका कहना था कि उन्हें मुफ़्त कुछ नहीं चाहिए, उन्हें सशक्त बनाया जाऐं, वह इज़्ज़त की रोटी खाना चाहतीं हैं। सरकार की तरफ़ से 80 करोड़ लोगों को 5 किलो मुफत चावल या आटा दिया जाता है। और यह महिलाओं अपने बच्चों के लिए वह शिक्षा चाहतीं हैं जिनसे उन्हें बाद में रोज़गार मिल सके। दूसरा समाचार हमारे प्रीमियर इंस्टीट्यूट्स आईआईटी से है जहां पहली बार […]

पी.एच.डी. सब्ज़ी वाला, Phd Sabziwala

January 18, 2024 Chander Mohan 0

डा. संदीप सिंह की कहानी सबको कष्ट देने वाली है। उन्होंने लॉ में पीएचडी की हुई है। इसके इलावा वह चार विषयों में एम.ए.हैं।वह अब भी बैचलर ऑफ लाईब्रेरी ,की पढ़ाई कर रहें हैं।पर डा. संदीप सिंह जो शायद पंजाब के सबसे पढ़े लिखे व्यक्ति है, को गुज़ारा चलाने के लिए सब्ज़ी बेचनी पड़ रही है। वह एक दशक पंजाबी यूनिवर्सिटी में पढ़ा चुकें है पर उन्हें नैकरी छोड़नी पड़ी क्योंकि वेतन अपर्याप्त था, समय पर नहीं मिलता था और लगातार वेतन कटौती होती थी। उस समय उन्हें कैंट्रैक्ट पर 20000-25000 रूपए मिलते थे। तब उन्होंने फ़ैसला किया कि यूनिवर्सिटी की अनिश्चित नौकरी से बेहतर है कि वह सब्ज़ी बेचना शुरू कर दें। अब एक रेहड़ी जिस पर लिखा है […]

देश छोड़ने की होड़ क्यों हैं?, Why Indians Are Fleeing Abroad

January 11, 2024 Chander Mohan 0

वैसे तो अनादिकाल से माइग्रेशन, प्रवास, पलायन, स्थानांतरण चलता आ रहा है।  जहां लोगों को बेहतर मौक़ा नज़र आता है उस तरफ़ पलायन शुरू हो जाता है। फ़िराक़ गोरखपुरी ने लिखा था, ‘काफिले बसते गए, और हिन्दोस्तां बनता गया’। अमेरिका, आस्ट्रेलिया, कैनेडा, न्यूज़ीलैंड जैसे देश भी गोरों ने जा कर बसाए और स्थानीय लोगों को एक कोने में लगा दिया। आज के युग में प्रवास बहुत अलग अलग ढंग से हो रहा है। इसकी चर्चा तब होती है जब कोई बड़ा हादसा हो जाता है। जब अपने दुर्भाग्य से भाग रहे लोगों से भरी किश्ती समुद्र में डूब जाती है, या कुछ लोग अवैध तरीक़े से जंगल से गुज़र रहे मारे जाते है, या किसी को अमेरिका ले जाने का […]

यह वह सहर तो नहीं! (A False Dawn?)

November 22, 2018 Chander Mohan 0

राष्ट्रीय बजरंग दल की तीन महिला कार्यकर्त्ताओं ने ताजमहल के अंदर आरती की है। उनका कहना है कि ताजमहल वास्तव में एक शिव मंदिर है जिस पर नमाज अता करने से यह अपवित्र हो गया है। कुछ लोग इसे गंगा जल से धोने की धमकी भी दे रहे हैं। राजस्थान में कांग्रेस के उम्मीदवार मानवेन्द्र सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे राजस्थानी नहीं है क्योंकि वह यहां पैदा नहीं हुई इसलिए  ‘आऊटसाइडर’  अर्थात बाहरी है। अमृतसर में निरंकारी समागम पर हमले पर बादल परिवार की प्रतिक्रिया है कि  मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह ऐसा करवा कर पंजाब को पुराने काले दिनों में ले जा रहें हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का कहना है कि वह सरकारी दफ्तरों में संघ […]