Priyanka is no Indira

January 31, 2019 Chander Mohan 0

In the sensation created by Priyanka Gandhi Vadra’s atlast  entry into active politics it’s been said that  with all her other qualities she is also like her grandmother, Indira Gandhi. She is charismatic, has good command over Hindi and can easily create a rapport with the public. Some of the qualities her elder sibling hasn’t acquired yet. And yes she looks so much like her dadi, Indira Gandhi. So are we seeing the entry of Indira Gandhi 2 ? No Priyanka with all her likeness to her grandmother is no Indira Gandhi. She cannot be as circumstances are different. Indira was a child of the freedom struggle also  the daughter of Jawahar Lal Nehru. Her world view was shaped by […]

दादी और प्रियंका गांधी (Grandmother and Priyanka Gandhi)

January 31, 2019 Chander Mohan 0

पुरानी बात है। लाल कृष्ण आडवाणी के साथ एक मुलाकात के दौरान जब मैंने प्रियंका गांधी के बारे पूछा तो उनका उतर था, “हां, वह एक इलैक्शन जीत सकती है।“ उस उक्त आडवाणीजी देश के गृहमंत्री थे। तब से लेकर अब तक बहुत कुछ बदल चुका है। भाजपा सत्ता में है और नरेन्द्र मोदी में उनके पास एक सशक्त नेता है। कांग्रेस फिर से प्रासंगिक बनने के लिए हाथ-पैर मार रही है। इस दौरान प्रियंका गांधी राजनीति से लगभग दूर ही रहीं और खुद को अमेठी तथा रायबरेली की देखभाल तक ही सीमित रखा। पर्दे के पीछे से वह अपनी मां तथा भाई को जरूर सलाह देती रहीं। अब चुनाव से पहले प्रियंका के राजनीति में प्रवेश की घोषणा कर […]

हमें कैसा भारत चाहिए? (What kind of India do we want?)

December 27, 2018 Chander Mohan 0

पुरानी बात है। वरिष्ठ पत्रकार सैयद नकवी एक बार पाकिस्तान गए थे। जब वह स्वदेश लौटे तो उनसे पूछा गया कि आपको पाकिस्तान कैसा लगा? उनका जवाब था,  “बिलकुल अच्छा नहीं लगा। वहां तो मुसलमान ही मुसलमान भरे हुए हैं। मुझे तो ब्राह्मण भी चाहिए, सिख भी चाहिए, इसाई भी चाहिए, दक्षिण भारतीय भी चाहिए।“ वास्तव में यही अनेकता हमारी ताकत है। सारे भारत को एक ही विचारधारा में बांधने का प्रयास कभी सफल नहीं होगा क्योंकि सदियों से भारत अनेक और बहुरूप रहा है। पारसी और यहूदियों से लेकर तिब्बतियों तक को भारत माता ने अपनी गोदी में जगह दी है आप चाहे कितनी भी तकलीफ में हो। इसका सबसे बड़ा कारण है कि बहुमत का हिन्दू धर्म उदार […]