विदेश नीति में भी समर्पण
विदेश नीति में भी समर्पण प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह श्रीलंका में होने वाले राष्ट्रमंडल सम्मेलन में उपस्थित नही होंगे। वैसे तो मैं राष्ट्रमंडल को ही एक फिज़ूल संस्था समझता हूं। आखिर इंग्लैंड तथा उसकी पूर्व उपनिवेशों के बीच क्या सांझ हो सकती है? फिर भी मैं प्रधानमंत्री के निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण मानता हूं क्योंकि राष्ट्रमंडल की अप्रासंगिकता के बावजूद भारत इस फिज़ूल संगठन को गंभीरता से लेता रहा है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह खुद दो राष्ट्रमंडल सम्मेलन में शिरकत कर चुके हैं। प्रधानमंत्री का श्रीलंका न जाने का निर्णय आंतरिक दबाव में उठाया गया है। तमिलनाडु की दोनों बड़ी पार्टियां, अन्नाद्रुमुक तथा द्रुमुक इसके खिलाफ थी। तमिलनाडु की विधानसभा ने प्रधानमंत्री की प्रस्तावित यात्रा के विरोध में प्रस्ताव पारित किया था। तीन […]