वो सुबह कभी तो आएगी!
वो सुबह कभी तो आएगी! इस गणतंत्र दिवस पर देश की जनता व्याकुल नज़र आती है कि हम कहीं अपने लक्ष्य से भटक गए हैं और कोई हमें सीधे रास्ते पर डालने वाला भी नहीं है। पिछले पांच वर्ष विशेष तौर पर हमें विभ्रांत छोड़ गए हैं। भटकन का प्रभाव है। जिनका काम देश को संभालना तथा उसे आगे ले जाना था उन्हीं के पैर रेत के बने पाए गए। देश में अराजकता का माहौल है। पश्चिम बंगाल में वीरभूमि में मुखिया के आदेश पर लड़की के साथ गांव में बने स्टेज पर बारी-बारी से सबने बलात्कार किया। उसके बेहोश होने के बाद भी यह सिलसिला चलता रहा। उस लड़की का कसूर था कि उसने दूसरी बरादरी के लड़के के […]