बीजिंग अभी दूर है, Beijing, A Bridge Too Far

October 31, 2024 Chander Mohan 0

रूस के शहर कज़ान में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अपनी वार्ता में प्रधानमंत्री ने हिन्दी में बात की थी। पर अचानक बीच में अंग्रेज़ी का सहारा लेते हुए उन्होंने कहा “Mutual trust, mutual respect and mutual sensitivity should be the basis of our ties” अर्थात् आपसी विश्वास, आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता हमारे सम्बंधों की बुनियाद होनी चाहिए। अब जबकि पूर्वी लद्दाख से दोनों देशों की सेना की वापिसी शुरू हो चुकी है रिश्तों के उपर trust शब्द मंडरा रहा है। बड़ा सवाल यह ही है कि क्या हम चीन पर भरोसा कर सकते हैं? आख़िर सब कुछ ठीक चल रहा था। दोनों देशों के बीच व्यापारिक सम्बंध मज़बूत थे फिर चीन ने 2020 में गलवान में […]

भारत -चीन :एशिया की म्यान में दो तलवारें, As India And China Compete

July 21, 2022 Chander Mohan 0

लद्दाख की गलवान वादी में भारत और चीन के बीच हिंसक टकराव के दो वर्ष से उपर हो चुकें हैं। इस टकराव में हमारे 20 जवान शहीद हुए थे और चीन के हताहत का सही आँकड़ा जारी नहीं किया गया। इस टकराव ने भारत चीन रिश्तों को दशकों के सबसे निचले स्तर पर ला खड़ा किया था। तब से दोनों देश सम्बंध सुधारने का कुछ प्रयास तो कर रहें हैं पर परनाला वहीं का वहीं है। रविवार को दोनों के बीच 16वें दौर की बारह घटें चली वार्ता  भी किसी नतीजे पर नहीं पहुँची। भारत  चाहता है कि दोनों देशों की सेनाएँ उस जगह लौट जाएँ जहां मई 2020 के चीन के अतिक्रमण से पहले थीं, पर चीन का रवैया […]

गलवान के बाद भारत -चीन, India and China after Galwan

June 24, 2021 Chander Mohan 0

यह एक जानबूझकर सोची समझी उकसाहट थी। एक साल पहले पूर्वी लद्दाख में गश्त कर रही 16 बिहार रैजीमैंट की टुकड़ी जिसका नेतृत्व कर्नल संतोष बाबू कर रहे थे, पर चीनी सैनिकों ने हिंसक हमला कर दिया था। कर्नल बाबू और हमारे 19 सैनिक शहीद हुए थे। हमारे जवानों ने ज़बरदस्त मुक़ाबला किया और कई महीने  चीन ने नही बताया कि उसके कितने हताहत हुए थे। बाद में चार मारे गए स्वीकार किए जबकि अमेरिकी और रूसी ख़ुफ़िया सूत्र 35-45 हताहत बता रहें हैं। चीन के साथ टकराव चलता रहता है पर चार दशक के बाद पहली बार था कि चीनी सैनिक हमारा  ख़ून बहाने की तैयारी कर आए थे। भारत और चीन के रिश्तों में गलवान एक निर्णायक मोड़ […]

ऐशिया का ‘बीमार आदमी’ चीन (Is China The Sick Man of Asia?)

February 27, 2020 Chander Mohan 0

न्यूयार्क से प्रकाशित होने वाले अखबार वॉल स्ट्रीट जरनल ने कोरोनावायरस फूटने पर चीन को ‘ऐशिया का असली बीमार आदमी’ कहा है। चीन इस परिभाषा से खफा है और उसने उस अखबार के तीन संवाददाता वहां से निकाल दिए हैं, लेकिन जिस तरह यह महामारी वहां फूटी है और जिस तरह शुरू में चीन की व्यवस्था इससे निपटी है, निश्चित तौर पर चीन के समाज तथा वहां की व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हैं। यह भी याद रखना चाहिए कि चीन में ही 2002-2003 में उत्पन्न सार्स वायरस से भी वहां 700-800 लोग मारे गए थे लेकिन कोरोनावायरस इससे अधिक घातक है। चीन के वुहान शहर में उत्पन्न इस वायरस से चीन में लगभग 2500 लोग मारे जा चुके हैं और […]

तल्ख थे, तल्ख रहेंगे (India-China, Tense Relationship)

October 10, 2019 Chander Mohan 0

अमेरिका के पूर्व विदेशमंत्री हैनरी किसिंजर ने चीन के नेतृत्व के बारे अपनी किताब  ‘ऑन चायना’ में लिखा था,  “वह सौदेबाजी या वार्ता को विशेष महत्व नहीं देते… वह नहीं समझते कि व्यक्तिगत संबंध का फैसलों पर विशेष असर पड़ता है चाहे वह व्यक्तिगत संबंधों के द्वारा अपने प्रयासों को बढ़ाने की कोशिश कर सकते हैं।” अब जबकि चेन्नई के पास प्राचीन मंदिरों के शहर मामल्लापुरम में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा चीन के राष्ट्रपति जी जिनपिंग एक बार फिर मिल रहे हैं, आशा है कि हमारे प्रधानमंत्री किसिंजर की इस समझदार राय को याद रखेंगे। प्रधानमंत्री मोदी पहले शी जिनपिंग का अहमदाबाद में सागरमती के किनारे स्वागत कर चुके हैं। पिछले साल दोनों चीन के खूबसूरत शहर वुहान […]

मुलाकात हुई क्या बात हुई (The Wuhan Meeting)

May 3, 2018 Chander Mohan 0

डोकलाम में भारत-चीन के बीच 72 दिन के टकराव के खत्म होने के ठीक आठ महीने के बाद भारत और चीन के नेता चीन के चित्रमय खूबसूरत शहर वुहान के बागों में सैर कर रहे थे और झील में किश्ती पर बैठ कर चाय पर चर्चा हो रही थी। डोकलाम टकराव के दौरान चीन के सरकारी मीडिया ने तो युद्ध की धमकी तक दे दी थी और उनकी सेना के प्रवक्ता ने भारत को चेतावनी दी थी कि वह ”1962 के युद्ध का सबक भूल गया है” लेकिन अब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग प्रधानमंत्री मोदी से “रिश्तों में नए अध्याय” शुरू करने की बात कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जून में फिर चीन जा रहे […]