इतिहास की लहर (On the Wave of History)
एनएसजी के मामले में सियोल में हमें सफलता नहीं मिली है। अब बताया जा रहा है कि दिसम्बर में एक और बैठक होगी जिसमें भारत जैसे उन देशों के दावे पर विचार होगा जिन्होंने एनपीटी पर हस्ताक्षर नहीं किए। लेकिन सियोल की असफलता बताती है कि अमेरिका के विश्वास पर बहुत विश्वास नहीं किया जा सकता। अगर आज के अमेरिका में सचमुच दम होता तो यह नतीजा नहीं निकलता कि अमेरिका समर्थक कई देशों ने भी साथ नहीं दिया। और स्पष्ट है कि व्यक्तिगत कूटनीति की गुंजाइश अवश्य है पर इसकी सीमा है। देश अपने हित को लेकर कदम उठाते हैं। 2008 में अमेरिका ने इसी एनएसजी से हमारे लिए अपवाद करवाया था जिसके कारण हम सामान्य परमाणु गतिविधियां कर […]