भाजपा ‘सेफ़’ है, और कांग्रेस…?. BJP is ‘Safe’, But Congress…?

November 28, 2024 Chander Mohan 0

महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव परिणाम सब सियानों को ग़लत साबित कर गए। ऐसा हरियाणा चुनाव में भी हुआ था। महाराष्ट्र के बारे लोकसभा चुनाव परिणाम को मापदंड रखा गया जहां महाविकास अघाड़ी को 48 में से 30 सीटें मिली थी और भाजपा के नेतृत्व में महायुति को 17 से ही संतुष्ट होना पड़ा था। कि भाजपा का नेतृत्व छ: महीने के अंदर अंदर बाज़ी पलट देगा यह सोचा भी नहीं गया। सब ‘काँटे की टक्कर’ की रट लगाते रहे। चुनाव से पहले भविष्यवाणी करना अब ख़तरे से ख़ाली नहीं क्योंकि लोग अपना मन नहीं बताते और पिछले आँकड़ों पर आधारित आँकलन ग़लत निकल रहें हैं। महाराष्ट्र में न केवल महायुति का प्रदर्शन बढ़िया रहा है, भाजपा वहाँ सब पर […]

उस साज़िश को मिल कर नाकाम करना है, Together We Have To Defeat This Conspiracy.

November 21, 2024 Chander Mohan 0

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आख़िर स्वीकार कर लिया कि कनाडा में खालिस्तान समर्थक वहाँ सारे सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते। पर यहाँ भी ट्रूडो शरारत से बाज़ नहीं आए और साथ जोड़ दिया कि वहाँ रहने वाले बहुत हिन्दू भी नरेन्द्र मोदी के समर्थक नहीं है। किसी ने यह दावा नहीं किया कि सभी हिन्दू मोदी समर्थक हैं, फिर ट्रूडो इसे बीच में कैसे ले आए? जवाब है कि वह कनाडा में भारतीय समुदाय को हिन्दू -सिख में बाँटने की कोशिश कर रहें हैं। ट्रूडो का बयान ब्रैम्पटन के हिन्दू सभा मंदिर पर हमले के बाद आया है जिसके बाद वहाँ खालिस्तानियों और भारतीय-कनेडियन के बीच बहुत तनाव बढ़ गया है। पहली बार कुछ ऐसे लोगों को […]

इंडिया और ‘गुड फ्रैंड’ ट्रम्प, India And ‘Good Friend’ Trump

November 14, 2024 Chander Mohan 0

डौन्लड ट्रम्प के अमेरिका के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद दुनिया भर में खलबली मची हुई है। शायद ही किसी अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव के बाद दुनिया इतनी परेशान नज़र आई हो। ट्रम्प का स्वभाव ऐसा है कि कुछ भी निश्चित नहीं। वह सनकी हैं, अस्थिर हैं और जल्दी में निर्णय लेने और बदलने के लिए कुख्यात हैं। उनके व्यक्तित्व के कारण अमेरिका पूरी तरह से विभाजित है। उनका कहना तो है कि सबको साथ लेकर चलना चाहता हूँ, पर पिछली बार जब वह जो बाइडेन से चुनाव हारे थे तो नतीजा मानने से इंकार कर दिया था और अपने समर्थकों को संसद भवन पर हमले के लिए उकसाया था। इस बार भी चुनाव अभियान में धमकी दी थी कि […]

प्रियंका गांधी की सक्रिय एंट्री, Priyanka Gandhi’s Entry

November 6, 2024 Chander Mohan 0

पुरानी बात है। तब लाल कृष्ण आडवाणी देश के उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री थे (2002-04)। उनके निवास स्थान पर एक मुलाक़ात के दौरान मैंने उनसे प्रियंका गांधी के राजनीतिक भविष्य के बारे पूछा था। आडवाणीजी का जवाब था, “हाँ, वह एक चुनाव जीत सकतीं हैं”। प्रियंका उस वक़्त लगभग 30 वर्ष की थीं। 1989 में जब वह 17 वर्ष की थीं तो अपने पिता राजीव गांधी के लिए उन्होंने प्रचार किया था पर अधिकतर माँ और भाई का हाथ ही बँटाती रहीं। उस वक़्त कहा गया कि प्रियंका की सबसे बड़ी ख़ासियत है कि न केवल शक्ल बल्कि हाव भाव में भी वह इंदिरा गांधी से मिलती हैं। जब माँ सोनिया गांधी कर्नाटक में बेल्लारी में सुषमा स्वराज के खिलाफ चुनाव […]

बीजिंग अभी दूर है, Beijing, A Bridge Too Far

October 31, 2024 Chander Mohan 0

रूस के शहर कज़ान में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अपनी वार्ता में प्रधानमंत्री ने हिन्दी में बात की थी। पर अचानक बीच में अंग्रेज़ी का सहारा लेते हुए उन्होंने कहा “Mutual trust, mutual respect and mutual sensitivity should be the basis of our ties” अर्थात् आपसी विश्वास, आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता हमारे सम्बंधों की बुनियाद होनी चाहिए। अब जबकि पूर्वी लद्दाख से दोनों देशों की सेना की वापिसी शुरू हो चुकी है रिश्तों के उपर trust शब्द मंडरा रहा है। बड़ा सवाल यह ही है कि क्या हम चीन पर भरोसा कर सकते हैं? आख़िर सब कुछ ठीक चल रहा था। दोनों देशों के बीच व्यापारिक सम्बंध मज़बूत थे फिर चीन ने 2020 में गलवान में […]

पश्चिम का दोहरा मापदंड और भारत, Western Hypocrisy And India

October 24, 2024 Chander Mohan 0

दाल में कुछ काला है। वास्तव में बहुत कुछ काला है। जिस तरह कनाडा और अमेरिका मिल कर वहाँ बसे कथित खालिस्तान के आतंकवादियों से सम्बंधित मामलों को भड़का रहे हैं उससे पता चलता है कि कहीं हम पर दबाव बनाया जा रहा है। वैसे तो इन्हें खालिस्तानी आतंकवादी कहना ही ग़लत है क्योंकि कोई खालिस्तान जैसी जगह नहीं है। यह या तो अमेरिकी आतंकवादी हैं या कनाडाई आतंकवादी है। जिस तरह उनका पक्ष लिया जा रहा है उससे यह संकेत मिलता है कि वह इन आतंकियों को अपना आदमी समझते हैं इसलिए उनको पाल पलोस कर रखा गया है। दुनिया को यह मानव अधिकारों की नसीहत देते हैं पर जब ग़ाज़ा में हजारों लोग मारे जातें हैं तो यह […]