दोहरी कामयाबी, Double Achievement

October 10, 2024 Chander Mohan 0

देश की राजनीति में हरियाणा का उसके आकार से कहीं अधिक महत्व रहा है। वह दिल्ली का द्वार है और तीन तरफ़ से उसने दिल्ली को घेर रखा है। दिल्ली जाने के लिए हर हमलावर, तुर्क, यूनानी, अफ़ग़ान, फ़ारसी सब हरियाणा से ही गुजर कर गए थे। पानीपत की तीन लड़ाईयों भी दिल्ली के लिए लड़ी गईं। उज़बेक बाबर ने  मुग़ल साम्राज्य की नींव पानीपत में जीत के बाद रखी। वर्तमान समय में भी हरियाणा और उत्तर प्रदेश दिल्ली के खिलाफ आन्दोलनों की ज़मीन रहें हैं। हरियाणा ने ही किसानों को दिल्ली जाने से एक साल रोके रखा। इसलिए हरियाणा के परिणाम से केन्द्र सरकार और भाजपा नेतृत्व को राहत मिलेगी। दिल्ली के उनके क़िले का सुरक्षा कवच कायम है। […]

अनिश्चित, अस्थिर दुनिया में भारत , India In An Unstable World

October 3, 2024 Chander Mohan 0

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रूस, यूक्रेन और अमेरिका की यात्राओं ने एक बार फिर प्रदर्शित कर दिया कि भारत अब बड़ा अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी बन गया है। रूस,फ़्रांस और ब्रिटेन के नेताओं ने भारत को सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बनाने की वकालत की है। अमेरिका पहले ही समर्थन दे चुका है। मामला चीन पर जा कर रूका हुआ है। इंग्लैंड के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर की भविष्यवाणी है कि 2050 तक अमेरिका, चीन और भारत तीन सुपर पावर होंगे। प्रधानमंत्री मोदी की यात्राओं से यहाँ यह चर्चा शुरू हो गई कि भारत यूक्रेन युद्ध में मध्यस्थता कर सकता है। रूस के राष्ट्रपति ने खुलेआम कहा भी है कि वह चाहतें हैं कि भारत, चीन और ब्राज़ील मध्यस्थता करें पर यह […]

क्या राहुल गांधी टार्गेट हैं?, Is Rahul Gandhi A Target?

September 26, 2024 Chander Mohan 0

अक्तूबर 1984 के शुरू की बात है। हम वीरेंद्र जी के साथ प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनके कार्यालय में मिले थे। ब्लू स्टार के बाद उस वक़्त पंजाब उबल रहा था। पिताजी ने इंदिराजी को सावधान करते हुआ कहा “आप टार्गेट हैं”। इस पर उनका जवाब था, “ हूँ नहीं, पर बनाई जा रही हूँ”। 31 अक्तूबर को उनकी बात सही साबित हो गई जब घर के अन्दर ही उनकी हत्या कर दी गई। आज जब कुछ लोग राहुल गांधी के खिलाफ हिंसा की बात कर रहें हैं मेरे ज़हन में इंदिराजी की बात गूंज रही है। क्या अब राहुल गांधी को टार्गेट बनाया जा रहा है? जब से राहुल गांधी अमेरिका से लौटें है उनके विरोधियों में उनको गालियाँ […]

हरियाणा: शासन विरोधी भावना में फंसी भाजपा, BJP stuck in anti-incumbency in Haryana

September 19, 2024 Chander Mohan 0

हरियाणा और जम्मू कश्मीर के चुनावों, और उनके बाद होने वाले महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली के चुनावों का राष्ट्रीय राजनीति पर असर पड़ेगा। यह बताएंगे कि हवा किस तरफ़ बह रही है। वैसे तो महाराष्ट्र के चुनाव भी साथ होने चाहिए थे पर चुनाव आयोग ने किन्ही कारणों से इन्हें साथ करवाने से इंकार कर दिया। यह दिलचस्प है कि सरकार देश में एक साथ चुनाव करवाने की बात करती है। प्रधानमंत्री कई बार ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ की बात कर चुकें है पर जिस चुनाव आयोग से तीन प्रदेशों के चुनाव इकट्ठे नहीं करवाए जासकते वह सारे देश में कैसे एक साथ चुनाव करवाऐंगे ? भाजपा के लिए बेहतर होता कि महाराष्ट्र के चुनाव भी साथ करवा लिए जाते […]

IC 814, असली मुद्दा और है, IC 814:The Real Issues

September 12, 2024 Chander Mohan 0

नैटफ्लिक्स पर दिखाई जा रही सीरीज़ ‘आईसी-814:द कंधार हाईजैक’ को लेकर कुछ विवाद खड़ा हुआ है। इस सीरीज़ में आतंकवादियों के कोड-नेम बताए गए है, भोला, शंकर, डाक्टर, चीफ़ और बर्गर। अपनी पहचान छिपाने के लिए आतंकवादियों ने फ़र्ज़ी नामों का इस्तेमाल किया था। शिकायत ‘भोला’ और ‘शंकर’ के इस्तेमाल से है। पूजा कटारिया, जो इस जहाज में थीं, ने पुष्टि की है कि अपहरणकर्ता एक दूसरे को हिन्दू नाम से बुला रहे थे। पर इससे बहुत लोगों की ‘भावनाऐं आघात हो गईं’। वैसे भी इस देश में जिसे चाय के कप में तूफ़ान कहा जाता है पैदा करना मुश्किल नहीं है। अब निर्माताओं ने असली नाम, इब्राहीम अतहर , शाहिद अख़्तर सईद, सनी अहमद क़ाज़ी, ज़हूर मिस्री और शाकिर […]

निर्भया से अभया, कुछ नहीं बदला, From Nirbhaya To Abhaya Nothing Has Changed

September 5, 2024 Chander Mohan 0

“12 साल के बाद भी कुछ नही बदला”, यह शब्द निर्भया की माता आशा देवी के हैं जिनकी बेटी की 16 दिसम्बर 2012 को दिल्ली में चलती बस में बलात्कार के बाद अत्यंत क्रूरता के साथ हत्या कर दी गई थी। सारा देश रोंगटे खड़े करने वाली इस बर्बरता के बाद तड़प उठा था। कानून को सख़्त बनाया गया। उत्तेजित समाज ने जगह जगह कैंडल मार्च निकाले। पर अब कोलकाता के आर.जी.कर मैडिकल कॉलेज में युवा ट्रेनी डाक्टर की बलात्कार के बाद हत्या बताती है कि वास्तव में कुछ नहीं बदला, वहीं बीमार समाज, वहीं लचर व्यवस्था और वहीं खोखले राजनेता। उल्टा लगता है कि स्थिति और बिगड़ गई है। अब तो समाचार देखना या पढ़ना ही कष्टदायक हो गया […]