‘शीश महल’ का रहने वाला, The Occupant of Sheesh Mahal

February 13, 2025 Chander Mohan 0

हो जाता है जिन पे अन्दाज़-ए-खुदाई पैदा               हमने देखा है वह बुत्त तोड़ दिए जातें हैं अरविंद केजरीवाल का राजनीतिक सफ़र वैगन- आर और मफ़लर से शुरू हुआ और अंत शराब घोटाले के आरोपो और ‘शीश महल’ के कारण हुआ। उनकी शुरूआत अन्ना हज़ारे के ‘इंडिया एगेंस्ट करप्शन’ आंदोलन से हुई और अंत करप्शन के आरोपो के कारण भी हुआ। समझा गया कि वह वैकल्पिक राजनीतिक दिशा दिखाएँगे पर अंत में स्पष्ट हो गया कि अरविंद केजरीवाल कुछ अलग नहीं, वहीं कमज़ोरियाँ है जो आम राजनेता में होती है। मिडिल क्लास विशेष तौर पर उनके सादे जीवन से बहुत प्रभावित थी कि वह देश की राजनीति में शुद्धता लाएँगे। दिल्ली की जनता ने भी बहुत समर्थन दिया। 70 सदस्यों […]

आस्था और अनुशासन का संगम चाहिए, Sangam Of Devotion And Discipline Needed

February 6, 2025 Chander Mohan 0

144 सालों के बाद बने त्रिवेणी योग के कारण प्रयागराज कुम्भ में इस बार भीड़ भी बहुत थी। देश में जो धार्मिक लहर आजकल चल रही है उसके कारण भी बहुत लोग वहाँ पहुँच रहें हैं। अत्यंत दुःख की बात है कि मौनी अमावस्या के दिन मची भगदड़ में (सरकारी तौर पर) 30 लोग मारे गए। पर बहुत लोग लापता हैं। बहुत लोग अपने प्रियजनों को ढूँढने के लिए बदहवास दर दर भटक रहें हैं। इस हृदयविदारक घटना के बारे बताया जाता है कि ब्रह्म मुहूर्त पर अमृत स्नान के लिए हज़ारों श्रद्धालु संगम पर इंतज़ार कर रहे थे। इससे भी अधिक संख्या वहाँ जाने की इंतज़ार में थी। यह संख्या लाखों में बताई जाती है। इस दबाव में बैरिकेड […]

असंतुलित हाथों में अमेरिका, और दुनिया, America, And World, In Unstable Hands

January 30, 2025 Chander Mohan 0

शायद ही किसी अमेरिकी राष्ट्रपति के निर्वाचन पर दुनिया में इतनी खलबली मची हो जितनी डॉनल्ड ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने पर मची है क्योंकि वह स्वभाव से सनकी हैं, अहंकारी है और अस्थिर हैं। और अब वह दुनिया के सबसे ताकतवर व्यक्ति बन गए है। निर्वाचित होने से लेकर अब तक वह कनाडा, चीन,भारत, पनामा, ग्रीनलैंड, ब्रिक्स देशों, डेनमार्क, मैक्सिको, रूस सब को धमकियाँ दे चुकें हैं। रोज़ाना नया निशाना ढूँढा जा रहा है। चीन को वह टैरिफ़ अर्थात् शुल्क, बढ़ाने की धमकी दे चुके हैं पर दिलचस्प है कि यह बढ़ौतरी कभी  60% बताई जाती है तो कभी 20% तो कभी 10% ! ब्रिक्स देश जिनमें भारत समेत चीन भी शामिल है, को 100 % टैरिफ़ की धमकी दी […]

गणतंत्र: उपलब्धि और चुनौती, Republic: Achievements And Challenges

January 23, 2025 Chander Mohan 0

गणतंत्र की स्थापना के 75 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं।  यह एक महत्वपूर्ण मील पत्थर है क्योंकि आज़ादी के समय चर्चिल समेंत बहुत लोगों ने भविष्य वाणी की थी कि कुछ ही समय में हमारा अस्तित्व समाप्त हो जाएगा और ‘लड़ाई झगड़ें में लुप्त हो जाएगा’। हमने न केवल हमारे अशुभ की कामना करने वालों को ग़लत साबित कर दिया बल्कि अस्थिरता के समुद्र में स्थिरता और प्रगति की मिसाल क़ायम कर दी। भारत लोकतांत्रिक देश है जबकि हमारे चारों तरफ़ देश या तानाशाही बन चुकें हैं या सैनिक शासन क़ायम है या भारी उथल-पुथल से गुजर रहें हैं। यहाँ हर चुनाव ने लोकतंत्र की जड़ों को मज़बूत किया है। दोनों शासक और शासित समझतें हैं कि यह देश केवल […]

क्या राजधानी बदलनी चाहिए ?, Should The Capital Be Shifted?

January 15, 2025 Chander Mohan 0

                चेहरे पर सारे शहर के गर्द-ए-मलाल है                 जो दिल का हाल है, वहीं दिल्ली का हाल है                             —मलिकज़ादा मंज़ूर अहमद शशि थरूर का सुझाव है कि राजधानी दिल्ली से बदल कर किसी और जगह ले जानी चीहिए। कुछ समय पहले एक पोस्ट में वह लिखतें हैं, “दिल्ली सरकारी तौर पर दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी है…2015 से कुछ एक्सपर्ट ठीक करने की कोशिश कर रहें हैं पर उन्होंने हाथ खड़े कर दिए हैं क्योंकि ‘कुछ नहीं बदलता और किसी को परवाह नहीं’…नवम्बर से लेकर जनवरी तक यह शहर रहने लायक़ नहीं रहता और बाक़ी साल मुश्किल से जीने लायक़ रहता है”। फिर वह बड़ा सवाल करतें हैं, “क्या इसे राजधानी रहना भी चाहिए”? बहुत कड़वा पर सार्थक […]

सरकारी उपेक्षा और लोगों की बेरुख़ी का शिकार टूरिस्ट सेक्टर, Tourism – Victim of Government apathy and people’s disinterest

January 9, 2025 Chander Mohan 0

1 जनवरी को धर्मशाला के गग्गल हवाई अड्डे से दिल्ली का हवाई जहाज़ का किराया 18000 रूपए था जबकि दिल्ली- बैंकॉक, दिल्ली-कोलम्बो, दिल्ली – कुआलालम्पुर का इकानिमी क्लास का किराया 10000-12000 रूपए तक है। हवाई कम्पनियाँ जानती है कि नव वर्ष के अगले ही दिन लोगों को काम पर लौटना है इसलिए धर्मशाला- दिल्ली का किराया इतना अधिक  था। कई बार हम देख चुकें हैं कि जब भी माँग अधिक होती है तो हवाई कम्पनियाँ किराया बेहतहाशा बढ़ा देती है। कोविड के बाद कई बार तो दिल्ली- मुम्बई का हवाई किराया 20000 रूपए तक को पार कर चुका था। यात्रियों की मजबूरी के इस शोषण पर शिकायतों के बावजूद सरकार ख़ामोश रहती है। एक तरफ़ प्रधानमंत्री कह चुकें हैं कि […]