भव्य त्रिमूर्ति, गांधी, नेहरू और पटेल, The Fabulous Three

November 6, 2025 Chander Mohan 0

कृतज्ञ राष्ट्र ने  सरदार बल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती एकता दिवस के तौर पर मनाई है। इस महान नेता ने 562 बड़ी-छोटी रियासतों, जिनका विभाजन से पहले के भारत के 40 प्रतिशत हिस्से पर शासन था, को भारत संघ के साथ मिलाया था। कई रियासत तो बहुत छोटी थीं पर समृद्ध हैदराबाद भी थी जो योरूप के अधिकतर देशों से बढ़ी थी और जिसका तब बजट बेल्जियम के बराबार था। ऐसा करते वकत उन्होंने साम दाम दंड भेद सब का इस्तेमाल किया था। जॉन ज़ुब्रज़ीकी जिन्होंने रियासतों के भारत में विलय पर किताब लिखी है, ने इसके लिए “पटेल के शक्तिशाली व्यक्तित्व, क्रोध के साथ सौम्यता और मिन्नत के साथ ज़बरदस्ती के मिश्रण” को ज़िम्मेवार ठहराया है। नेहरू और पटेल […]

रेवड़ी की बरसात से कहीं छत न फट जाए, It’s Raining Freebies in Bihar

October 30, 2025 Chander Mohan 0

छह नवम्बर से शुरू होने वाले बिहार चुनाव के बारे पूर्व राजनयिक और पूर्व सांसद पवन वर्मा ने लिखा है, “ बिहार का ख़ज़ाना ख़ाली है,लेकिन रेवड़ियाँ और जुमले बरस रहें हैं”। उनकी बात सही है। बिहार देश का लम्बे समय से सबसे पिछड़ा प्रांत है। कोई आशा भी नज़र नहीं आती पर दोनों एनडीए और विपक्षी महागठबंघन धड़ाधड़ मुफ़्त देने के वादे कर रहे हैं। जिन्हें अंग्रेज़ी का मीडिया फ्रीबीज़ कहता है और प्रधानमंत्री मोदी ने एक बार मज़ाक़ में रेवड़ियाँ कहा था, की ऐसी बरसात हो रही है कि आशंका है कि बिहार की आर्थिक छत ही कहीं फट न जाए! पटना से अर्थशास्त्री सूर्य भूषण बतातें हैं कि जो रेवड़ियाँ घोषित की गईं हैं वह लागू नहीं […]

पाकिस्तान बनाम तालिबान, और हमारी मजबूरी, Pakistan, Taliban And India’s Compulsion

October 23, 2025 Chander Mohan 0

जब से अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मंत्री मौलवी अमीर खान मुत्तकी भारत की छ: दिन की यात्रा कर लौटें हैं पाकिस्तान बहुत छटपटा रहा है। काबुल और कंधार पर हवाई हमले हो चुकें हैं और सीमा पर झड़पों में दोनों तरफ़ का बहुत नुक़सान हुआ है। पाकिस्तान के तड़पने का कारण ढूँढना भी मुश्किल नहीं है। तालिबान उनकी पैदायश है। उसे पाकिस्तान के उत्तर पूर्व के मदरसों में तैयार किया गया। पाकिस्तान उन्हें अपने लड़के कहता रहा पर यह लड़के अब बड़े हो चुकें हैं, आज़ाद हो चुकें हैं और अपने पूर्व मेहरबान के खिलाफ लड़ाकू बन चुकें हैं। उन्होंने पाकिस्तान की कठपुतली बनने से इंकार कर दिया है। अफ़ग़ानिस्तान से सोवियत यूनियन और बाद में अमेरिका को भगाने में पाकिस्तान […]

अपने देश वापिस जाओ, The Unwanted Indian Abroad

October 16, 2025 Chander Mohan 0

 यह एक ऐसी जघन्य घटना थी जिसने इंग्लैंड में रह रहे भारतीय समुदाय को झकझोर कर रख दिया। बर्मिंघम में ओल्डबरी में एक ब्रिटिश सिख महिला के साथ दो गोरों द्वारा बलात्कार किया गया, बेरहमी से मारपीट की गई और जातें जाते बलात्कारी यह संदेश दे गए कि ‘वह यहाँ की नही है’ और उसे अपने देश लौट जाना चाहिए। अर्थात् मामला केवल बलात्कार का ही नही था उस महिला को उसकी नस्ल के लिए टार्गेट किया गया, क्योंकि वह सिख है। महिला को निशाना बना कर उसके बाक़ी समुदाय को संदेश भेजा जा रहा है कि तुम यहाँ सुरक्षित नहीं हो। कुछ दिन पहले पास के एक शहर में दो बुजुर्ग सिख टैक्सी चालकों पर हमले हो चुकें है। […]

मोहन भागवत : विरासत,चुनौती और दायित्व, Mohan Bhagwat: Legacy, Challenge And Responsibility

October 9, 2025 Chander Mohan 0

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष की विजयदशमी रैली में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने अपने संदेश में बहुत सामंजस्यपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति सब तरह की विभिन्नताओं का सम्मान करती है। उनका कहना था कि अगर कोई हिन्दू कहलाने में असहज महसूस करता है तो वह ख़ुशी से खुद को ‘भारतीय’ कह सकता है। उनका यह भी संदेश था कि हिन्दू समाज को ‘हम’ और ‘वह’ की मानसिकता से खुद को अलग रखना है और समुदायों के बीच उत्तेजना फैलाना अस्वीकार होना चाहिए। मोहन भागवत प्रधानमंत्री मोदी के बाद देश के दूसरे सबसे शक्तिशाली नहीं तो सबसे प्रभावशाली व्यक्ति हैं। संघ का प्रभाव तो पहले से ही था पर जिस तरह भागवत उसे नई दिशा दे […]

बेहतर होता कि खेलते ही नही, Why Play At All

October 2, 2025 Chander Mohan 0

क्रिकेट को कभी जैंटलमेंस गेम अर्थात् शरीफ़ लोगों का खेल कहा गया था। जैसे टैनिस है। टैनिस में तो अभी भी कुछ शराफ़त बची है जो विम्बलडन में देखने को मिलती है पर क्रिकेट तो अब ‘गोलीबारी के बिना युद्ध’ बन चुका है। 1996 के विश्व कप में भारत और पाकिस्तान के बीच मुक़ाबला पर लेखक माइक मारकूज़ ने अपनी किताब का टाइटल War Minus The Shooting दिया था। अर्थात् युद्ध है केवल गोलियाँ और बम नहीं चल रहें। तब से लेकर अब तक मुक़ाबला और विस्फोटक बन चुका है जैसा हम हाल ही में एशिया कप में देख कर हटें है। पहलगाम के हमले के कुछ महीनों बाद मैच में तनाव तो होना ही था पर इस बार तो […]