कारवां और मंज़िल (Caravan and Destination)
चेहरा सब कुछ बता रहा था। जिसे ‘बॉडी लैंगवेज’ कहा जाता है वह भी अत्यन्त ढीली थी। एक तरफ कार्यवाहक वित्तमंत्री पीयूष गोयल वोटर को भरमाने के लिए एक के बाद एक घोषणा कर रहे थे और भाजपा के सांसद मेज़ थपथपा कर ‘मोदी’ , ‘मोदी’ के नारे लगा रहे थे तो दूसरी तरफ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लोकसभा में अपनी सीट पर सर पकड़े दुबके बैठे थे। चेहरा भावशून्य था कि जैसे नीरजजी से माफी मांगते हुए कह रहे हों, और हम बैठे-बैठे बहार देखते रहे कारवां गुज़र गया, गुबार देखतें रहे! पिछले कुछ महीने राहुल तथा कांग्रेस पार्टी के लिए अच्छे रहें हैं। राहुल प्रमुख विपक्षी नेता बन कर उभरे हैं। इस दौड़ में उन्होंने ममता बैनर्जी तथा […]