जिस दिन भगत सिंह को फाँसी दी गई, The Day Bhagat Singh Was Hanged

March 23, 2023 Chander Mohan 0

हमारी आज़ादी की लड़ाई ने अनेकों नायक पैदा किए हैं पर दो हैं जो अपनी विशेष छाप छोड़ गए। दोनों ही  शहीद हुए। अगर गांधी जी सबसे आदरणीय नेता थे तो भगत सिंह सबसे प्रिय। दोनों के सिद्धांत बिलकुल अलग थे लक्ष्य चाहे एक था, भारत की आज़ादी। गांधीजी का  अहिंसा में पूर्ण विश्वास था जबकि भगत सिंह और उनके साथी समझते थे कि लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हिंसा की ज़रूरत पड़ जाए तो इस्तेमाल की जा सकती है। दोनों की अलग अलग विरासत है। गांधी जी का अहिंसा का सिद्धांत दुनिया आज भी याद करती है चाहे अमल कोई नहीं करता। भगत सिंह आज भी युवाओं के प्रेरणा स्रोत है। उत्तर भारत में आज भी युवा पीली पगड़ी […]

‘क्लिक’ पर क्लिक न कीजिए, Don’t Click On ‘Click’ Please

March 16, 2023 Chander Mohan 0

कुछ महीने  पहले यह एसएमएस आया, ‘डीयर ग्राहक शाम 9.30 बजे आपकी बिजली काट दी जाएगी क्योंकि आपने पिछले महीने का बिल जमा नहीं करवाया। हमें इस नम्बर पर तत्काल फ़ोन करें’। बहुत परेशानी हुई क्योंकि सर्दियों के दिन थे और अगर रात को बिजली काट दी गई तो समस्या  हो जाएगी। सब कुछ चेक कर लिया बिल तो जमा हो चुका था। सोचा किसी को बिजली दफ़्तर दौड़ाता हूँ। इतने में राहत हो गई। श्रीमती को भी वही एसएमएस आ गया कि बिजली का बिल न जमा करवाने के कारण रात 9.30 बजे आप की बिजली काट दी जाएगी नहीं तो तत्काल फ़लाँ नम्बर पर फ़ोन करें। दोनों मामलों में अंतर यह है कि श्रीमती के नाम पर बिजली […]

एक अकेला सब पर भारी?, Is Modi Unbeatable ?

March 9, 2023 Chander Mohan 0

पूर्वोत्तर के तीन राज्यों, त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड से लोकसभा की महज़ 5 सीटें हैं पर इनके विधानसभा चुनाव हमारी राजनीति के लिए बहुत महत्व रंखते हैं।  कारण यह है कि यहाँ आदिवासी बाहुल्य है और त्रिपुरा को छोड़ कर बाक़ी दो प्रदेशों में ईसाई बहुमत है। यहाँ चर्च का दबदबा भी है। यह क्षेत्र परम्परागत कांग्रेस समर्थक रहा है। अब यहाँ तीनों प्रदेशों की सरकारों में भाजपा शामिल हो रही हैं।त्रिपुरा में भाजपा का वोट शेयर और सीटें कम हुई है पर पार्टी के पास अपना बहुमत है। नागालैंड में भाजपा एनडीपीपी के साथ मिल कर सरकार बना रही है। मेघालय में कॉनरैड  संगमा के खिलाफ चुनाव लड़ने और उन पर भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोप लगाने के बाद केवल […]

पंजाब: एक बार फिर?, Once Again In Punjab?

March 2, 2023 Chander Mohan 0

क्या पंजाब में फिर काले दिनों की वापिसी हो रही है? क्या फिर 1980-1990 वाले दिन आ रहें हैं ? यह सवाल अब सब पंजाबियों को परेशान कर रहा है। ख़तरनाक संकेत कुछ समय से मिल रहे हैं। कुछ सप्ताह पहले मोहाली-चंडीगढ़ सीमा पर ‘बंदी सिखों की रिहाई’ को लेकर प्रदर्शन कर रहे क़ौमी इंसाफ़ मोर्चे के हथियारों से लैस कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर हमला कर दिया और 40 के करीब पुलिस कर्मी घायल हो गए। एक पुलिस अधिकारी का कहना था कि “अगर हम भागते नहीं तो हमें मार दिया जाता”। लेकिन जो पिछले सप्ताह अमृतसर में अजनाला में हुआ वह तो और भी अधिक ख़तरनाक है। खालिस्तान के  समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ के मुखी अमृतपाल सिंह के […]

भारत आसमान में, और ज़मीन पर, India in Sky, and on Ground

February 23, 2023 Chander Mohan 0

अमेरिका के राष्ट्रपति, फ़्रांस के राष्ट्रपति और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री गद्गद् हैं। एयर इंडिया ने 470 विमान ख़रीदने का सौदा किया है इनमें से 250 विमान एयरबस होंगे जो इंग्लैंड और फ़्रांस मिल कर बनाते हैं और 220 विमान बोइंग होंगे जो अमेरिका बनाता है। इस पर प्रफुल्लित बाइडेन का कहना था कि इससे अमेरिका के 44 राज्यों में 10 लाख रोज़गार पैदा होंगे। इसी तरह  दोनों फ़्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों और इंग्लैंड के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी बहुत प्रसन्न हैं कि दोनों के देशों में इस सौदे से रोजगार और राजस्व बढ़ेगा।  तीनों का प्रसन्न होना स्वाभाविक है क्योंकि यह अकेला सौदा 45.9 अरब डालर का है। यह कितनी बड़ी राशि है यह इससे पता चलता है कि कंगाली […]

मुशर्रफ: विवादित विरासत, Musharraf : Disputed Legacy

February 16, 2023 Chander Mohan 0

परवेज़ मुशर्रफ का भी वही हश्र हुआ है जो पहले कई तानाशाह का हो चुका है।  मुशर्रफ की मौत सद्दाम हुसैन की तरह ‘चूहे की मौत’ तो नहीं कही जा सकती पर अपने अंतिम दिनों में उन्हें अत्यंत अपमानजनक ज़िन्दगी जीनी पड़ी थी यहाँ तक कि अपना देश छोड़ कर दुबई भागना पड़ा था। वह देश नहीं लौट सकते थे और मौत के बाद ही उनका शव दफ़नाने के लिए पाकिस्तान लाया गया। उन्होंने अक्तूबर 1999 में नवाज़ शरीफ़ की सत्ता पलट दी थी।   दो साल  बाद आगरा शिखर वार्ता के लिए उन्होंने खुद को राष्ट्रपति घोषित कर दिया।2008 तक वह राष्ट्रपति रहे पर फिर हालात उनके ख़िलाफ़ होते गए और उन्हें सत्ता छोड़नी पड़ी। एक साल पहले बेनजीर भुट्टो […]