विपक्ष का भटकता कारवाँ और राहुल गांधी, Confused Opposition And Rahul Gandhi

March 13, 2025 Chander Mohan 0

मंज़िल जुदा जुदा है, मक़सद जुदा जुदा है,                भीड़ तो जमा है,यह कारवां नही 2024 के लोकसभा चुनाव, जहां इंडिया गठबंधन ने मिल कर भाजपा को बहुमत से नीचे रखा था, के परिणाम के बाद यह आशा जगी थी कि इंडिया गठबंधन अब नरेन्द्र मोदी की सरकार को ज़बरदस्त चुनौती देगा। पर जैसे जैसे समय बीत रहा है यह प्रभाव है कि सामंजस्य की कमी और गम्भीर मतभेदों के कारण यह गठबंधन भटक गया है और अप्रासंगिकता के कगार पर है। कई पर्यवेक्षक तो असामयिक मौत की बात कर रहें हैं। पहले हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव परिणाम और फिर दिल्ली के चुनाव परिणाम के बाद यह नज़र आने लगा है कि न केवल यह गठबंधन बिखरने के कगार […]

यूक्रेन की क़ुर्बानी की तैयारी, Preparations For Sacrifice of Ukraine

March 6, 2025 Chander Mohan 0

दुनिया ने ऐसा दृश्य पहले कभी नहीं देखा था। दुनिया के सबसे शक्तिशाली दफ़्तर, अमेरिका के राष्ट्रपति के वाशिंगटन स्थित ओवल आफ़िस, में अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के बीच मुलाक़ात हो रही थी। शुरू के शिष्टाचार के बाद बातचीत गाली गलौज में बदल गई। स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो गई कि यूक्रेन के प्रतिनिधि मंडल को व्हाइट हाउस छोड़ने के लिए कह दिया गया। ट्रम्प और उनके उपराष्ट्रपति वैंस चाहते थे कि जेलेंस्की रूस के साथ युद्ध विराम को तैयार हो जाएं जबकि यूक्रेन के राष्ट्रपति सुरक्षा की मज़बूत गारंटी की माँग कर रहे थे। शीघ्र ही वार्ता अशोभनीय तूं तूं मैं मैं में बदल गई और जेलेंस्की बिना भोजन किए ग़ुस्से में वहाँ से निकल […]

जिस देश में गंगा बहती है, Jis Desh Mein Ganga Behti He

February 27, 2025 Chander Mohan 0

महाकुम्भ सम्पन्न हो गया। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन भगदड़ के हादसे और 15 फ़रवरी को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ से हुई मौतों के बावजूद करोड़ों लोगों ने पूरी आस्था के साथ स्नान किया। सरकार का दावा है कि 50-60 करोड़ लोगों ने डुबकी लगाई। एक बड़ा हादसा और भी हुआ, जिसका मैं बाद में वर्णन करूँगा,पर इस आयोजन को सफलतापूर्वक सम्पन्न करवाने और करोड़ों भक्तों को सम्भालने पर उत्तर प्रदेश की योगी आदित्य नाथ सरकार श्रेय ले सकती है। विपक्ष आलोचना कर रहा है। ममता बनर्जी ने इसे ‘मृत्यु कुम्भ’ कहा है। यह पूरी तरह से अनुचित है और करोड़ों की आस्था का भद्दा मज़ाक़ है। प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक सिग्मंड फ़्रायड ने इंसानों में मृत्यु और […]

अमृतसर में ही क्यों? Why At Amritsar

February 20, 2025 Chander Mohan 0

अमेरिका में अवैध तरीक़े से रह रहे, या अवैध तरीक़े से दाखिल होने की कोशिश कर रहे भारतीयों को लेकर तीसरा विमान अमृतसर में लैंड कर चुका है। मैक्सिको और अल सल्वाडोर के बाद सबसे अधिक अवैध अप्रवासी भारत से है। डानल्ड ट्रम्प के आने के बाद अमेरिका इन लोगों के प्रति सख़्त हो गया है। यह उनकी नीति है जिस पर उनका अधिकार है पर जिस तरह उन्हें वापिस भेजा गए उसको लेकर यहाँ भारी विवाद खड़ा हो गया है। एक कारण तो है कि उन्हें बहुत अमानवीय तरीक़े से ज़ंजीरों में जकड़ कर और हथकड़ियाँ लगा कर घोर अपराधियों की तरह भेजा गया। 40 घंटे की उड़ान के दौरान उन्हें हिलने नही दिया गया। सरकार की तरफ़ से […]

‘शीश महल’ का रहने वाला, The Occupant of Sheesh Mahal

February 13, 2025 Chander Mohan 0

हो जाता है जिन पे अन्दाज़-ए-खुदाई पैदा               हमने देखा है वह बुत्त तोड़ दिए जातें हैं अरविंद केजरीवाल का राजनीतिक सफ़र वैगन- आर और मफ़लर से शुरू हुआ और अंत शराब घोटाले के आरोपो और ‘शीश महल’ के कारण हुआ। उनकी शुरूआत अन्ना हज़ारे के ‘इंडिया एगेंस्ट करप्शन’ आंदोलन से हुई और अंत करप्शन के आरोपो के कारण भी हुआ। समझा गया कि वह वैकल्पिक राजनीतिक दिशा दिखाएँगे पर अंत में स्पष्ट हो गया कि अरविंद केजरीवाल कुछ अलग नहीं, वहीं कमज़ोरियाँ है जो आम राजनेता में होती है। मिडिल क्लास विशेष तौर पर उनके सादे जीवन से बहुत प्रभावित थी कि वह देश की राजनीति में शुद्धता लाएँगे। दिल्ली की जनता ने भी बहुत समर्थन दिया। 70 सदस्यों […]

आस्था और अनुशासन का संगम चाहिए, Sangam Of Devotion And Discipline Needed

February 6, 2025 Chander Mohan 0

144 सालों के बाद बने त्रिवेणी योग के कारण प्रयागराज कुम्भ में इस बार भीड़ भी बहुत थी। देश में जो धार्मिक लहर आजकल चल रही है उसके कारण भी बहुत लोग वहाँ पहुँच रहें हैं। अत्यंत दुःख की बात है कि मौनी अमावस्या के दिन मची भगदड़ में (सरकारी तौर पर) 30 लोग मारे गए। पर बहुत लोग लापता हैं। बहुत लोग अपने प्रियजनों को ढूँढने के लिए बदहवास दर दर भटक रहें हैं। इस हृदयविदारक घटना के बारे बताया जाता है कि ब्रह्म मुहूर्त पर अमृत स्नान के लिए हज़ारों श्रद्धालु संगम पर इंतज़ार कर रहे थे। इससे भी अधिक संख्या वहाँ जाने की इंतज़ार में थी। यह संख्या लाखों में बताई जाती है। इस दबाव में बैरिकेड […]