बदलने की इंतज़ार में फिज़ा

September 17, 2013 Chander Mohan 6

बदलने की इंतज़ार में फिज़ा     प्रकाश झा की फिल्म ‘सत्याग्रह’ के अन्तिम क्षणों में हताश, परेशान, निराश द्वारका आनंद (अमिताभ बच्चन) सवाल करते हैं अपने से, बाकी पात्रों से और हम सबसे, ‘यह कैसा देश बना लिया है हमने?’  यही सवाल आज सारा देश अपने से कर रहा लगता है। क्या यही भारत हमें चाहिये जहां भ्रष्टाचार तथा अनैतिकता एक व्यवसाय बन रहा है? जहां लोग महंगाई और कुव्यवस्था में पिस रहे हैं जबकि शासक वर्ग मौज मस्ती कर रहा है? हमारे ऊपर ‘रूल्स’ की किताब फैंकी जा रही है अपने हित के लिये कानून बदले जा रहे हैं। लोग सवाल पूछते हैं लेकिन जवाब देने वाला कोई नहीं। यदा कदा प्रधानमंत्री बाहर निकलते हैं और जवाब देते हैं कि […]