एक विवादास्पद और अनावश्यक कवायद
एक विवादास्पद और अनावश्यक कवायद सरकार ने विवादास्पद सांप्रदायिक हिंसा रोकथाम विधेयक में कुछ फेरबदल करने का फैसला किया है। पहले हिंसा के लिए बहुसंख्यकों को जिम्मेवार ठहराए जाने का प्रावधान था अब यह विधेयक विभिन्न सांप्रदायिकों, समूहों या समुदाय के बीच तटस्थ रहेगा। इससे पहले विधेयक में स्पष्ट उल्लेख था कि दंगों का दायित्व बहुसंख्यक समुदाय पर होगा। अर्थात् कहीं भी दंगा होगा तो इसके लिए हिन्दू समुदाय को ही जिम्मेवार ठहराया जाना था। इसी से इस सरकार की घटिया और संकीर्ण मानसिकता स्पष्ट होती है। चुनाव से पहले प्रयास सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का था जो उलटा पड़ गया है। कानून का सिद्धांत है कि इसके आगे सब बराबर हैं। इस विधेयक के मूल प्रावधानों में इस सिद्धांत का शीर्षासन […]