न सरकार का सर झुके, न किसान की पगड़ी, Farmers Protest: Both Need To Step Back
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कहना है कि किसान नेताओं के साथ 22 जनवरी को हुई अंतिम वार्ता में सरकार ने डेढ़ वर्ष तीन कृषि क़ानूनों को न लागू करने की जो पेशकश की थी, उस पर सरकार आज भी क़ायम है। सरकार ने तब यह प्रस्ताव भी रखा था कि किसानों की बाक़ी माँगें, विशेष तौर पर एम एस पी, पर विचार करने के लिए कमेटी बनाई जाएगी। सरकार की यह पेशकश काफ़ी उदार थी और इन क़ानूनों को ठंडे बस्ते में डालने के बराबार थी। ज़्यादा से ज़्यादा किसान संगठन डेढ़ वर्ष की अवधि को दो या तीन वर्ष तक बढ़ाने का सुझाव दे सकते थे, तब तक अगले चुनाव आ जाते और मामला लटक जाता। 26 जनवरी और […]