मोहन भागवत की सही पहल, Mohan Bhagwat’s Positive Initiative

September 29, 2022 Chander Mohan 0

देश के चिन्ताजनक, कई तो इसे अंधकारमय कहतें हैं, माहौल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत की पहल एक आशा की किरण नज़र आती हैं। उन्होंने दिल्ली की एक प्रमुख मस्जिद और मदरसे का दौरा किया जहां उन्होंने बड़े  इमाम डा. उमेर अहमद इलियासी से लम्बी वार्ता की और मदरसे के  300 छात्रों से सीधा संवाद किया।  यह पहली बार है जब किसी सरसंघचालक ने मस्जिद या मदरसे में कदम रखा हो। इससे एक दिन पहले उन्होंने  पाँच प्रमुख मुस्लिम बुद्धिजीवियों से भी आपसी मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की थी। भागवत के साथ प्रमुख संघ के प्रमुख पदाधिकारी, कृष्ण गोपाल और  इन्द्रेश भी बातचीत में शामिल हुए जिससे पता चलता है कि संघ ने इस संवाद की प्रक्रिया […]

संघ: निरंतरता और परिवर्तन ( RSS: Continuity and Change)

November 1, 2018 Chander Mohan 0

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत की तीन दिन की व्याख्यान श्रृंखला के प्रति देश में असामान्य दिलचस्पी है। इससे पहले वह पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को मुख्य अतिथि के तौर पर बुला चुके हैं। क्या बदलते समय को देखते हुए संघ भी बदल रहा है? आखिर आज की जीन्स डाले और हाथ में मोबाईल पकडऩे वाली पीढ़ी की जरूरत को देखते हुए संघ ने निक्कर की जगह पैंट शुरू कर ही दी है। पर क्या अब वैचारिक बदलाव के भी संकेत मिल रहें है? क्या आज के भारत की जरूरत को देखते हुए संघ अधिक उदार तथा दूसरों को साथ लेकर चलने वाली संस्था बन रही है? राम माधव का मानना है कि वास्तव में संघ बदल […]

Mother Teresa aur unki seva -by Chander Mohan

March 3, 2015 Chander Mohan 1

मदर टेरेसा और उनकी सेवा मोहन भागवत की इस टिप्पणी को लेकर बवाल मचा है कि मदर टेरेसा द्वारा की गई सेवा के पीछे लोगों को ईसाई बनाने की उनकी भावना थी। कांग्रेस ने उनकी आलोचना की है तथा अरविंद केजरीवाल का कहना है कि ‘मदर टेरेसा को तो बख्श दो।’ ईसाई संगठन अपनी जगह क्रोधित हैं। इस संदर्भ में मुझे तीन बातें कहनी हैं। एक, मदर टेरेसा करुणा की मूर्ति थीं। उन्होंने कुष्ठ रोगियों को, टीबी से पीडि़त लोगों को, एड्स के मरीजों को गले लगाया और उन्हें राहत दी। उन्होंने बेसहारा तथा लावारिस लोगों में प्यार बांटा। नाली में पड़े लोगों को भी उठा कर गले लगा लेती थीं। जो मानसिक तौर पर कमजोर थे, उन्हें भी उनके […]