राजनीति या रियलिटी शो
राजनीति या रियालिटी शो? 46 वर्ष के बाद देश को लोकपाल मिलने वाला है। पहली बार प्रधानमंत्री, मंत्रीगण, सांसद बड़े अफसर अब जांच तथा निगरानी के दायरे में आ जाएंगे। आशा है कि इससे भ्रष्टाचार में कुछ कमी आएगी। अन्ना हज़ारे का भी मानना है कि इससे पचास प्रतिशत भ्रष्टाचार कम होगा। जिन्होंने पैसे बनाने हैं वे निश्चित तौर पर नए रास्ते ढूंढ निकालेंगे लेकिन अब उन पर कुछ अंकुश लगेगा। अफसरशाही भी इसके शिकंजे में आ जाएंगी जिसका अपना सकरात्मक असर होगा क्योंकि इस वक्त अफसरशाही पीछे से तारें खींचती है। अरविंद केजरीवाल इस लोकपाल से संतुष्ट नहीं। वह इसे ‘जोकपाल’ अर्थात् मज़ाक का मामला कहते हैं लेकिन निश्चित तौर पर यह बड़ा कदम है। जो कमियां रह गई […]