नमो-नमो ही क्यों?

March 19, 2014 Chander Mohan 1

नमो-नमो ही क्यों? यह पहली बार नहीं कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक ने भाजपा के राजनीतिक मामलों में सार्वजनिक दखल दिया हो। पहले भी के. सुदर्शन ने टीवी के कैमरे के आगे आकर कहा था कि वाजपेयी तथा आडवाणी को रिटायर हो जाना चाहिए। दोनों ने उनकी बात अनसुनी कर दी थी। अब फिर संघ प्रमुख मोहन भागवत की टिप्पणी कि ‘हमारा काम नमो-नमो करना नहीं’, से बहस खड़ी हो गई है। जहां भाजपा असहज है वहां भाजपा और विशेष तौर पर नरेंद्र मोदी के विरोधी बाग बाग हैं। वामपंथी अतुल अंजान का कहना है कि ‘संघ सही कह रहा है। अब उन्हें लगने लगा है कि मोदी भस्मासुर बनते जा रहे हैं।’ दिग्विजय सिंह का भी कहना […]