इंसाफ या इंतकाम? (Justice or Revenge?)
हैदराबाद तथा उन्नाव की दर्दनाक घटनाओं, तथा हैदराबाद मेें मुठभेड़ में आरोपियों की मौत पर देश भर में मनाई गई खुशी के बाद मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबडे ने कहा है कि न्याय कभी तत्काल नहीं होना चाहिए और अगर यह प्रतिरोध बन गया तो उसे न्याय नहीं कहा जा सकता। माननीय मुख्य न्यायाधीश की बात सही है। अगर अदालतों से बाहर न्याय होने लगा तो अराजक स्थिति बन जाएगी। हमने तो अजमल कसाब को भी प्रक्रिया पूरी करने के बाद फांसी पर लटकाया था लेकिन हैदराबाद में दोषियों का ‘एनकाऊंटर’ कर दिया गया जिसके बाद लोगों ने पुलिस वालों पर फूल बरसाए और उन्हें कंधों पर उठा लिया। यह एनकाऊंटर असली था या फर्ज़ी यह तो जांच बताएगी लेकिन इस […]