
अतीत की ज़्यादतियाँ और आज का भारत, Injustice of Past and India of Future
हमें इलाहाबाद हाईकोर्ट का धन्यवाद करना चाहिए कि ताजमहल के बंद 22 कमरों को खोलने की माँग करती याचिका को उन्होंने रद्द कर दिया है नहीं तो मौक़े की तलाश लोगों को तमाशा खड़ा करने का एक और मौक़ा मिल जाता। याचिका में यह दावा किया गया था कि ताजमहल वास्तव में ‘तेजो महालय’ है। याचिका कर्ता ने इतिहासकार पीएन ओक की 1989 में लिखी किताब ताजमहल द ट्रू स्टोरी का हवाला दे कर यह दावा किया था कि ताजमहल मूल रूप से एक शिव मंदिर और राजपूत महल था जिस पर शाहजहाँ ने क़ब्ज़ा कर मक़बरा बना दिया था। इस थ्योरी को बार बार रद्द किया जा चुका है। 2000 में सुप्रीम कोर्ट ने ओक की याचिका, कि यह […]