चलेंगे साथ साथ ?
चलेंगे साथ-साथ? भारत अमेरिका के रिश्तों में पहले भी ऐसे लम्हें आए हैं। जवाहर लाल नेहरू- जॉन कैनेडी, इंदिरा गांधी-लिंडन जॉनसन, राजीव गांधी- रौनल्ड रीगन, अटल बिहारी वाजपेयी-बिल क्लिंटन, मनमोहन सिंह- जार्ज बुश, जब लगा था कि दोनों देश एक नए दोस्ताना सफर पर चल निकलेंगे पर दुनिया के यथार्थ ने इन प्रयासों को सफल नहीं होने दिया। उनकी अपनी जरूरत है, हमारी अपनी मजबूरियां हैं इसलिए बहुत कुछ सांझा होने के बावजूद रिश्तों ने अधिक सकरात्मक मोड़ नहीं लिया। जुलाई 2005 में भारत-अमेरिका परमाणु समझौते के बाद एक बार फिर लगा कि भारत-अमेरिका के बीच नया युग शुरू हो रहा है लेकिन दो ही सालों में मामला ठप्प हो गया। चाहे उनके कमरे में महात्मा गांधी की तस्वीर लटकी […]