असमानता का गणराज्य, Republic of Inequality

January 27, 2022 Chander Mohan 0

भारत कभी भी सबके लिए बराबर का देश नही रहा। असमानता यहाँ स्थाई है। हमारे राजा महाराजा प्रजा को लूटते रहे और ख़ुद विलास की ज़िन्दगी व्यतीत करते रहे। अंग्रेज़ों ने तो बाक़ायदा एक विशेषाधिकार सम्पन्न वर्ग स्थापित कर दिया और उन्हे ‘सर’, ‘रायबहादुर’, ‘रायज़ादा’ जैसे ख़िताबों से नवाज़ा गया। आज़ादी के बाद आशा बढ़ी की यह ग़ैर बराबरी अगर खत्म नही होती तो कम तो हो जाएगी।  हमारे संविधान का ‘प्रीएम्बल’ अर्थात  प्रस्तावना  जहाँ ‘समाजिक, आर्थिक और राजनीतिक नयाय’ पर जोर देता है,वहां ‘अवसर की समता’ का संकल्प भी व्यक्त करता है। 1976 मे एमरजैंसी के दौरान इस में भारत को  ‘समाजवादी पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य’ बनाने का भी वायदा जोड़ा  गया। ‘समाजवाद’ जोड़ने का भी यही मक़सद था कि […]