जनरल साहिब, आप अकेले नहीं हैं! (General Sahib, You Are Not Alone)
यह एक अत्यंत भावुक क्षण था। अरनब गोस्वामी की बहस में जब कुछ वार्ताकारों ने सरकार की केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में तिरंगा फहराने की योजना पर सवाल उठाया तो कई सैनिक के अभियानों नायक रिटायर्ड मेजर जनरल गगन बक्शी भावुक हो उठे। आंखें पौंछते हुए जनरल बक्शी ने मीडिया के एक वर्ग तथा कथित बुद्धिजीवियों द्वारा फैलाए जा रहे माहौल पर यह टिप्पणी की ‘‘दुख हो रहा है हम अकेले रह गए। हम फौजी आज अकेले रह गए। रोने के लिए।’’ कितनी तड़प है इन शब्दों में! कितनी हताशा! देश का एक बहादुर यौद्धा परेशान है कि इस देश में एक मुखर राय ऐसी भी है जो उदारवाद के नाम पर उनका समर्थन कर रही है जो देश की बर्बादी की बात […]