
panchsheel ka sheel bhang
पंचशील का शीलभंग बीजिंग में पंचशील की 60वीं वर्षगांठ मनाने के लिए आयोजित शिखर सम्मेलन में जहां चीन तथा म्यांमार के राष्ट्रपति ने हिस्सा लिया वहां भारत ने अपने उपराष्ट्रपति को भेजा। भारत के राष्ट्रपति की अनुपस्थिति अपनी कहानी खुद कहती है कि भारत को भरोसा नहीं कि चीन पंचशील के मूल सिद्धांतों का पालन करेगा। 1962 से लेकर आज तक चीन पंचशील का शील भंग ही करता आ रहा है। उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने भी चीनी मेज़बानों को स्पष्ट शब्दों में कहा है कि शांति तथा सह अस्तित्व दोनों देशों के संबंधों के खिलने के लिए बहुत जरूरी है। भारत ने यह भी कहा कि हम यह अपेक्षा करते हैं कि सभी लंबित मामले तेज़ी से हल किए जाएंगे। […]