यह गुस्ताखी माफ करने लायक नहीं

July 4, 2013 Chander Mohan 0

यह गुस्ताखी माफ करने लायक नहीं पाकिस्तान की संसद ने एक प्रस्ताव पारित कर अफजल गुरू को फांसी दिए जाने की निंदा की है और उसके शव को उसके परिवारजनों को सौंपने की मांग भी की है। न केवल भारत के आंतरिक मामले में दखल देने वाले बल्कि एक प्रकार से हमें चिढ़ाने वाले इस प्रस्ताव में कश्मीरी अलगाववादियों को हर तरह से समर्थन देने का वायदा भी किया गया। यह आतंकी संगठनों को सिग्नल भी है कि बढ़े चलो, हम तुम्हारे साथ हैं! पाकिस्तान के राजनीतिक वर्ग ने आतंकवाद पर अपनी मोहर लगा दी है। हमारी संसद पर हमले को सही करार दिया। यह प्रस्ताव जयपुर में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ की हमारे विदेशमंत्री सलमान खुर्शीद द्वारा […]

वीवीआईपी का उड़नघोटाला

July 4, 2013 Chander Mohan 0

वीवीआईपी का उड़नघोटाला क्या यह सरकार कोई भी काम सीधा नहीं कर सकती? ईंट उठाओं तो घोटाला, स्कैंडल, भ्रष्टाचार, रिश्वत! 2जी घोटाले, कोयला आबंटन घोटाले, राष्ट्रमंडल खेलों में महाघोटाले के बाद अब वीवीआईपी हैलीकाप्टर घोटाले का विस्फोट हुआ है। इटली से खरीदे जाने वाले इस 3600 करोड़ रुपए के सौदे में 362 करोड़ रुपए की भारत में रिश्वत दी गई है। भारत सरकार ने सीबीआई की जांच के आदेश तो दे दिए हैं लेकिन यह हैलीकाप्टर सौदा भी बोफोर्स की तरह बहुत धुआं छोड़ गया है। यूपीए की दूसरी सरकार का गठन अशुभ घड़ी में हुआ लगता है। जब हालात कुछ बेहतर होने लगते हैं तो नया विस्फोट सब कुछ बिखेर देता है। वर्तमान हैलीकाप्टर घोटाले ने बड़े-बड़े लोगों की […]

‘ऐलिएनेशन’ दो तरफा हो सकती है

July 4, 2013 Chander Mohan 0

‘ऐलिएनेशन’ दो तरफा हो सकती है  अफजल गुरू की फांसी के बाद कश्मीर वादी में हालात तनावग्रस्त बने हुए हैं। उमर अब्दुल्ला को घबराहट है कि कश्मीरियों की मुख्यधारा से ‘ऐलिएनेशन’, अर्थात् विमुखता और मजबूत होगी। लेकिन कश्मीरी तो सामान्य स्थिति में अकारण भी ‘विमुख’ रहते हैं। आदत सी बना ली है। आज से नहीं है दशकों से हैं। हैरानी है कि जब लाखों कश्मीरी पंडितों को वहां से निकलने के लिए मजबूर किया गया तब यह ‘विमुखता’ नजर नहीं आई। उस व्यक्ति की फांसी पर इतना छटपटा जिसने देश के खिलाफ युद्ध किया हो, कश्मीरी भी बाकी देश को क्या संदेश दे रहे हैं? जो कश्मीरी कश्मीर से बाहर रहते और काम करते हैं उनकी आम शिकायत रहती है […]

फांसी से लटकते सवाल

July 4, 2013 Chander Mohan 0

फांसी से लटकते सवाल अजमल कसाब को लगी फांसी के साथ ही कुछ लोग यह मांग करने लगे हैं कि देश के कानून से मौत की सजा हटा दी जानी चाहिए क्योंकि यह बर्बर है, असभ्य है और अधिकतर देशों से हट चुकी है। संयुक्त राष्ट्र महासभा भी बार-बार यह प्रस्ताव पारित कर चुकी है कि मौत की सजा पर रोक लगा दी जानी चाहिए। जिन देशों ने इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट नहीं दिया उनमें भारत शामिल है। भारत का पक्ष है कि वह इस सजा को बहुत कम इस्तेमाल करेगा। यह बहस और भी तीखी हो गई है क्योंकि यहां अफजल गुरू, बलवंत सिंह राजोआना, राजीव गांधी के हत्यारे जैसे मामले लंबित हैं और हो सकता है […]