भारत का रत्न
भारत का रत्न जो लोग अटलजी को नजदीक से जानते हैं वह उनकी विनम्रता, सरलता तथा सहजता से मुग्ध हुए बिना नहीं रहे। मैं बहुत नजदीकी से उन्हें जानने का दावा तो नहीं करता पर आधा दर्जन बार उन्हें निकटता से मिला हूं और हर बार मन में यह प्रभाव रहा कि ‘इतना बड़ा आदमी है पर कितना सरल है?’ यह प्रभाव देने का प्रयास नहीं कि वह हैं अटल बिहारी वाजपेयी। जब वह विपक्ष के नेता थे और उन्हें भावी प्रधानमंत्री देखा जाता था तो मेरे निमंत्रण पर एक बार जालन्धर आए थे। किसी को कोई कष्ट नहीं दिया। हरेक से घुलमिल कर बातें कीं। भाषण देने की उनकी क्षमता का कोई मुकाबला नहीं है। किसी को भी रक्षात्मक […]