इफतार की सियासत (Politics of Iftar)
रमज़ान के दौरान इफतार जो भाईचारा बढ़ाने तथा अपने से कमज़ोर लोगों के साथ मेलजोल का मौका है, को हमारे लाजवाब नेताओं ने राजनीति का इवेंट बना दिया है। विशेष तौर पर दिल्ली में इफतार पार्टी का आयोजन एक बड़ी सैक्युलर कवायद बन गई है। किसने पार्टी दी है, कौन-कौन इसमें हाजिर हुआ, कौन नहीं आया, बड़ा राजनीतिक बयान भी बन गया। कांग्रेस पार्टी इफतार का आयोजन करती रही। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी इफतार पार्टी देते रहे जबकि परम्परा के अनुसार तो इफतार पर ‘पार्टी’ बनती ही नहीं। रोज़ा तोड़ने के बाद खजूर तथा सेवेइयां के सेवन की जगह इन बड़ी पार्टियों में कबाब, मुगलई खाना तथा गोश्त पलाव खाने का मौका बन गया। ऐसी कथित इफतार पार्टियों से आम […]