समाज में बढ़ती ख़तरनाक असमानता, Increasing Dangerous Inequality

March 28, 2024 Chander Mohan 0

हमारे संविधान की उद्देशिका में लिखा है कि “भारत एक सम्पूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी, पंथ- निरपेक्ष, लोकतंत्रात्मक गणराज्य” है। मूल प्रस्तावना में ‘समाजवादी’ और ‘पंथ- निरपेक्ष’ नही थे, इन्हें 1976 में एमरजैंसी के दौरान इंदिरा गांधी सरकार ने शामिल करवाया था। 1976 से लेकर आज तक दुनिया बहुत बदल चुकी है। समाजवाद के मक्का, रूस और चीन, में ही इसे दफ़ना दिया गया है। चीन के पूर्व नेता डेंग जियाओपिंग ने एक बार कहा था ‘अमीर होना भव्य है’। चीन की तरह रूस भी पूंजीवाद के रास्ते पर चल रहा है। चीन और रूस तानाशाही है जहां लोगों की भावना को आराम से कुचला जा सकता है पर भारत तो लोकतंत्र है जहां लोगों की तकलीफ़ों की अनदेखी नहीं होनी […]

नीतीश-मुक्त बिहार चाहिए, Bihar Needs To Be Nitish-Mukt

February 8, 2024 Chander Mohan 0

कसमें खाने के बाद कि “मर जाना क़बूल है, उनके साथ जाना क़बूल नही”, नीतीश कुमार फिर ‘उनमे’ (एनडीए)  शामिल हो गए हैं। यह उनका पाँचवा पलटा है। 2013 में भाजपा द्वारा नरेन्द्र मोदी को पीएम का चेहरा घोषित करने का बाद वह एनडीए को छोड़ गए थे। 2015 का चुनाव उन्होंने राजद-कांग्रेस और वामपंथी दलों के साथ मिल कर लड़ा था। 2017 में लोकसभा चुनाव से पहले वह एनडीए में लौट आए थे। पाँच साल के बाद यह भाँपते हुए कि भाजपा उनकी जेडीयू का विभाजन करने की कोशिश कर रही है उन्होंने एनडीए को छोड़ कर राजद के साथ सरकार बना ली। और अब 2024 में लोकसभा के चुनाव से पहले राजद-कांग्रेस और वाम को एक तरफ़ फेंक […]

देश की अनाथ औलाद (The Lost People of India)

May 14, 2020 Chander Mohan 0

प्रवासी मज़दूरों की त्रासदी ज़ारी है। महाराष्ट्र में औरंगाबाद के नज़दीक रेल पटरी पर सोए 16 मज़दूरों को माल गाड़ी रौंद गई।चालक कल्पना नही कर सकता था की रेल पटरी पर भी कोई सो सकता है। लेकिन बात दूसरी है। कितनी मजबूरी थी कि थके हारे भूखे प्यासे पुलिस के डंडों से बचते यह सब रेल पटरी पर ही सो गए? पहले लॉकडाउन ने ज़िन्दगी पटरी से उतार दी अब पटरी पर आ रही रेल उनके चिथड़े कर निकल गई। लॉकडाउन के कारण कई सौ किलोमीटर दूर अपने अपने गाँव के लिए निकले 80 प्रवासी रास्ते में ही दम तोड़ चुकें हैं। आज़ादी के बाद का यह सबसे बड़ा पलायन है। समय पर लॉकडाउन ने बड़ी संख्या में जाने बचाईं […]