क्या स्कूल खुलने चाहिए, Should Schools Reopen?
बचपन के दुख कितने अच्छे होते थे तब तो सिर्फ़ खिलौने टूटा करते थे समीना असलम समीना के यह शब्द आज के कोरोना काल में कितने मार्मिक लगतें हैं। आज केवल खिलौने ही नही टूटते कईयों का तो बचपन ही टूट गया है। कोरोना ने सबको प्रभावित किया है पर सबसे अधिक वह प्रभावित है जो इससे निबटने में सबसे कमजोर है, जिनकी त्रासदी है कि उन्हे मालूम ही नही कि कितनी बडी त्रासदी ने उन्हे घेर लिया है, हमारे बच्चे। जो खेलने का, उछल कूदने का, शरारत करने का समय है वह सहमा सहमा गुज़र रहा है। इस महामारी का सबसे बड़ा ज़ख़्म शायद बच्चों को झेलना पड़े। बच्चों से बाहर के उनके दो रिश्ते, पड़ोस और स्कूल, […]