वीवीआईपी का उड़नघोटाला

July 4, 2013 Chander Mohan 0

वीवीआईपी का उड़नघोटाला क्या यह सरकार कोई भी काम सीधा नहीं कर सकती? ईंट उठाओं तो घोटाला, स्कैंडल, भ्रष्टाचार, रिश्वत! 2जी घोटाले, कोयला आबंटन घोटाले, राष्ट्रमंडल खेलों में महाघोटाले के बाद अब वीवीआईपी हैलीकाप्टर घोटाले का विस्फोट हुआ है। इटली से खरीदे जाने वाले इस 3600 करोड़ रुपए के सौदे में 362 करोड़ रुपए की भारत में रिश्वत दी गई है। भारत सरकार ने सीबीआई की जांच के आदेश तो दे दिए हैं लेकिन यह हैलीकाप्टर सौदा भी बोफोर्स की तरह बहुत धुआं छोड़ गया है। यूपीए की दूसरी सरकार का गठन अशुभ घड़ी में हुआ लगता है। जब हालात कुछ बेहतर होने लगते हैं तो नया विस्फोट सब कुछ बिखेर देता है। वर्तमान हैलीकाप्टर घोटाले ने बड़े-बड़े लोगों की […]

फांसी से लटकते सवाल

July 4, 2013 Chander Mohan 0

फांसी से लटकते सवाल अजमल कसाब को लगी फांसी के साथ ही कुछ लोग यह मांग करने लगे हैं कि देश के कानून से मौत की सजा हटा दी जानी चाहिए क्योंकि यह बर्बर है, असभ्य है और अधिकतर देशों से हट चुकी है। संयुक्त राष्ट्र महासभा भी बार-बार यह प्रस्ताव पारित कर चुकी है कि मौत की सजा पर रोक लगा दी जानी चाहिए। जिन देशों ने इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट नहीं दिया उनमें भारत शामिल है। भारत का पक्ष है कि वह इस सजा को बहुत कम इस्तेमाल करेगा। यह बहस और भी तीखी हो गई है क्योंकि यहां अफजल गुरू, बलवंत सिंह राजोआना, राजीव गांधी के हत्यारे जैसे मामले लंबित हैं और हो सकता है […]

विश्वास भी पेड़ों पर नहीं लगता

July 4, 2013 Chander Mohan 0

विश्वास भी पेड़ों पर नहीं लगता अभी तक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह यह प्रभाव देते रहे कि देश में कुछ भी हो जाए, उन्हें किसी को स्पष्टीकरण देने की जरूरत नहीं है। वास्तव में कांग्रेस की त्रिमूर्ति (सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह और राहुल गांधी) यह प्रभाव देती रही कि उन्हें किसी को कोई जवाब देने की जरूरत नहीं। लेकिन ममता बैनर्जी की तृणमूल कांग्रेस का यूपीए से प्रस्थान, सफल भारत बंद तथा डीज़ल की कीमतों में भारी वृद्धि और रिटेल में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को लेकर देश में जो भूचाल आया उसने सरकार को इस तरह हिला कर रख दिया कि प्रधानमंत्री को भी अपनी बात कहने के लिए जनता के सम्मुख आना पड़ा। पर अफसोस यह है कि उन्होंने जो […]

पवार बेपरवाह है !

July 4, 2013 Chander Mohan 0

पवार बेपरवाह है! आखिर वह क्षण आ ही गया। बहुत देर आनाकानी करने तथा लुकन-छिपाई खेलने के बाद राहुल गांधी ने घोषणा कर दी है कि वह बड़ी भूमिका निभाने के लिए तैयार है चाहे कब और कैसे होगा इसका फैसला उन्होंने सोनिया गांधी तथा मनमोहन सिंह पर छोड़ दिया। जब सलमान खुर्शीद ने कहा कि राहुल केवल झलक ही दिखलाते हैं और उन्हें आगे आकर दिशा और नेतृत्व देना चाहिए तब ही समझ आ गया था कि कुछ खिचड़ी पक रही है नहीं तो सलमान खुर्शीद की यह जुर्रत नहीं कि युवराज पर कटाक्ष कर सके। उसके बाद केंद्रीय मंत्रियों तथा पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने ऊंची-ऊंची मांग करनी शुरू कर दी कि ‘राहुल लाओ, हमें बचाओ।’ पर ऐसी […]