लहर विहीन चुनाव की ऊँची नीची लहरें,Waves of a Waveless Election

April 25, 2024 Chander Mohan 0

लोकतंत्र का महापर्व भारत में शुरू हो गया है। यह कितनी बड़ी क़वायद है यह इस बात से पता चलता है कि हमारी 97 करोड़ वोटर संख्या अमेरिका, इंग्लैंड, फ़्रांस,रूस, ब्राज़ील और जापान की संयुक्त जनसंख्या से अधिक है। पर पहले चरण की 102 सीटों के लिए वोटिंग से पता चलता है कि इस बार जोश कुछ ठंडा है, मतदान 2019 के मुक़ाबले लगभग 5 प्रतिशत कम हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी और विपक्षी नेताओं के धुआँधार प्रचार के बावजूद सड़क पर प्रतिक्रिया उत्साहहीन है। कोई लहर नज़र नहीं आती। शायद सोच लिया कि कोई बदलाव नहीं होने वाला। यह चुनाव कुछ बातें स्पष्ट करतें हैं:- 1.हमारे लोकतंत्र को कोई ख़तरा नहीं है : विपक्ष बहुत शोर मचा रहा है कि […]

मनमोहन सिंह: इतिहास क्या कहेगा?, How Will History Judge ManMohan Singh?

April 11, 2024 Chander Mohan 0

33 वर्ष सांसद रहने के बाद 91 वर्षीय डा.मनमोहन सिंह सक्रिय राजनीति से रिटायर हो गए है। शायद ही कोई और राजनेता होगा जिसका उनके जैसा अनुभव और देश के प्रति उनके जैसा योगदान होगा। वह मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे, रिसर्व बैंक के गवर्नर रहे,भारत सरकार के वित्त सचिव रहे,यूजीसी के अध्यक्ष रहे,योजना आयोग के उपाध्यक्ष रहे,1991 में वित्त मंत्री बने और 2004 मे देश के प्रधानमंत्री बन गए। इतनी बड़ी प्रशासनिक और राजनीतिक यात्रा के बाद भी वह उसी तरह बेदाग़ हैं जैसे वह यह यात्रा शुरू करने के समय थे। उनके शासन काल के साथ कुछ विवाद भी जुड़े हैं जिन पर आगे चल कर चर्चा करूँगा, यहाँ यह कहना चाहूँगा कि आजकल ऐसे लोग नहीं मिलते। वह […]

कांग्रेस और ‘इंडिया गठबंधन, Congress and the INDIA alliance

December 14, 2023 Chander Mohan 0

सिर्फ इक  कदम उठा था ग़लत राह-ए- शौक़ में                   मंज़िल तमाम उम्र मुझे ढूँढती रही कांग्रेस पार्टी और ‘इंडिया गठबंधन’ के रिश्ते पर नज़र दौड़ाता हूँ तो अब्दुल हमीद अदम का यह शे’र याद आता है। जो रिश्ता मज़बूती से भाजपा को चुनौती दे सकता था वह कांग्रेस के कुछ नेताओं के घमंड और कुछ की नासमझी के कारण अनिश्चित और अविश्वसनीय बन गया है। विधानसभा चुनावों में हिन्दी बैल्ट में कांग्रेस को पड़ी मार के बाद जब पार्टी अध्यक्ष मलिक्कार्जुन खड़गे द्वारा गठबंधन की बैठक बुलाई गई तो बड़े नेता, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, नीतीश कुमार और स्टैलिन, ने कोई न कोई बहाना बना आने से इंकार कर दिया। कहने की ज़रूरत नहीं कि अगर कांग्रेस मध्यप्रदेश, राजस्थान […]

क्या संदेश? कौन संदेशवाहक? ,What Message? Who Messenger ?

September 7, 2023 Chander Mohan 0

  भारतीय जनता पार्टी और एनडीए दोनों इस मामले में स्पष्ट हैं कि उनका संदेश भी नरेन्द्र मोदी हैं और उनके संदेशवाहक भी नरेन्द्र मोदी ही हैं। किसी क़िस्म का कोई कंफ्यूजन नही है। सब कुछ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के व्यक्तित्व के इर्द-गिर्द ही है। और कोई नहीं। भाजपा की सारी उर्जा, कारगुज़ारी, नीति सबका नाम भी नरेन्द्र मोदी हैं। लगभग दो अवधि पूरी करने के नज़दीक नरेन्द्र मोदी की स्थिति बाक़ी वैश्विक नेताओं से अलग है। शासन विरोधी भावना जिसका सामना दूसरों को करना पड़ता है उनकी लोकप्रियता को कोई क्षति नहीं पहुँचा रही। हाल ही में इंडिया टुडे-सीवोटर ‘मूड ऑफ द नेशन’ सर्वेक्षण के अनुसार 52 प्रतिशत लोग महसूस करते हैं कि वह प्रधानमंत्री पद के लिए सबसे […]

2024: रेस शुरू हो रही है, 2024: The Race Begins

August 17, 2023 Chander Mohan 0

जैसी सम्भावना थी मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास का प्रस्ताव गिर गया। विपक्ष का कहना है कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदन में बुलाना चाहते थे और मणिपुर के बारे विचार रखने के लिए मजबूर करना  चाहते थे। इनका यह सीमित लक्ष्य तो पूरा हो गया पर लोकसभा में लम्बी और कई बार उबाऊ बहस सुनने के बाद कह सकता हूँ कि दोनों विपक्ष और सत्तापक्ष ने ही देश के साथ न्याय नहीं किया। बहस के बाद यह अहसास है कि जैसे हम ख़ाली हाथ रह गए, कुछ भी प्राप्त नहीं किया।  राहुल गांधी ने उस समय भाषण दिया जब भारत जोड़ों यात्रा के कारण और जिस तरह हड़बड़ी में उनकी सदस्यता छीन ली गई थी और यहाँ तक […]

राहुल गांधी और उनका ‘मैथ्स’, Rahul Gandhi and his Maths

June 8, 2023 Chander Mohan 0

ममता दीदी का सुर कुछ बदला हुआ है। एकला चलो  की नीति पर चल रही ममता बैनर्जी ने कर्नाटक के चुनाव परिणाम के बाद यू-टर्न ले लिया है। अब वह कांग्रेस को लताड़ नहीं रही और उनका कहना है कि जहां कांग्रेस मज़बूत है वहाँ हम समर्थन देंगे पर जहां क्षेत्रीय दल मज़बूत है वहाँ कांग्रेस को समर्थन देना चाहिए। ममता का कहना है कि “ हमारा आँकलन है कि लोकसभा की 200 सीटों पर कांग्रेस मज़बूत है लेकिन यूपी में सपा, दिल्ली में आप, बंगाल मे तृणमूल, बिहार में जेडीयू- आरजेडी मज़बूत हैं”। यह पहली बार है जब ममता बनर्जी ने भाजपा के खिलाफ किसी विपक्षी गठबन्धन में कांग्रेस की केन्द्रीयता स्वीकार की है। खुद तृणमूल कांग्रेस का राष्ट्रीय […]