बीजिंग अभी दूर है, Beijing, A Bridge Too Far

October 31, 2024 Chander Mohan 0

रूस के शहर कज़ान में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ अपनी वार्ता में प्रधानमंत्री ने हिन्दी में बात की थी। पर अचानक बीच में अंग्रेज़ी का सहारा लेते हुए उन्होंने कहा “Mutual trust, mutual respect and mutual sensitivity should be the basis of our ties” अर्थात् आपसी विश्वास, आपसी सम्मान और आपसी संवेदनशीलता हमारे सम्बंधों की बुनियाद होनी चाहिए। अब जबकि पूर्वी लद्दाख से दोनों देशों की सेना की वापिसी शुरू हो चुकी है रिश्तों के उपर trust शब्द मंडरा रहा है। बड़ा सवाल यह ही है कि क्या हम चीन पर भरोसा कर सकते हैं? आख़िर सब कुछ ठीक चल रहा था। दोनों देशों के बीच व्यापारिक सम्बंध मज़बूत थे फिर चीन ने 2020 में गलवान में […]

पश्चिम का दोहरा मापदंड और भारत, Western Hypocrisy And India

October 24, 2024 Chander Mohan 0

दाल में कुछ काला है। वास्तव में बहुत कुछ काला है। जिस तरह कनाडा और अमेरिका मिल कर वहाँ बसे कथित खालिस्तान के आतंकवादियों से सम्बंधित मामलों को भड़का रहे हैं उससे पता चलता है कि कहीं हम पर दबाव बनाया जा रहा है। वैसे तो इन्हें खालिस्तानी आतंकवादी कहना ही ग़लत है क्योंकि कोई खालिस्तान जैसी जगह नहीं है। यह या तो अमेरिकी आतंकवादी हैं या कनाडाई आतंकवादी है। जिस तरह उनका पक्ष लिया जा रहा है उससे यह संकेत मिलता है कि वह इन आतंकियों को अपना आदमी समझते हैं इसलिए उनको पाल पलोस कर रखा गया है। दुनिया को यह मानव अधिकारों की नसीहत देते हैं पर जब ग़ाज़ा में हजारों लोग मारे जातें हैं तो यह […]

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भारत का पाकिस्तान सरदर्द, India’s Pakistan Migrane

October 17, 2024 Chander Mohan 0

हमारे विदेश मंत्री एस.जयशंकर पाकिस्तान की संक्षिप्त यात्रा कर लौट आए हैं। वह न केवल वहाँ शंघाई सहयोग संगठन (एस.सी.ओ.) की बैठक में शामिल होने गए थे बल्कि उन्होंने यह स्पष्ट भी कर दिया था कि वह केवल इस बहुपक्षीय कार्यक्रम के लिए जा रहे हैं न कि भारत -पाक सम्बंधों पर चर्चा के लिए। उनसे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज 2015 में पाकिस्तान गईं थी। 2016 में तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह वहाँ गए थे। विदेश मंत्री की यह टिप्पणी स्पष्ट करती है कि कोई आशा नहीं कि निकट भविष्य में दोनों देशों के सम्बंधों में कोई ख़ास सुधार होगा। पाकिस्तान के मीडिया में भी ऐसी ही खबरें प्रकाशित हुईं हैं कि उन्हें भी कोई आशा नही कि सम्बंध बेहतर होंगे। विदेश मंत्री को वहाँ भेज कर यह संकेत दे दिया कि हम इस संगठन, जिसके सदस्य हैं- भारत, चीन, रूस, ईरान, पाकिस्तान, किर्गिज़स्तान, कज़ाखस्तान, तजाकिस्तान और उज़बेकिस्तान- का पूरा सम्मान करते हैं इसीलिए पाकिस्तान के साथ कड़वे रिश्तों […]

दोहरी कामयाबी, Double Achievement

October 10, 2024 Chander Mohan 0

देश की राजनीति में हरियाणा का उसके आकार से कहीं अधिक महत्व रहा है। वह दिल्ली का द्वार है और तीन तरफ़ से उसने दिल्ली को घेर रखा है। दिल्ली जाने के लिए हर हमलावर, तुर्क, यूनानी, अफ़ग़ान, फ़ारसी सब हरियाणा से ही गुजर कर गए थे। पानीपत की तीन लड़ाईयों भी दिल्ली के लिए लड़ी गईं। उज़बेक बाबर ने  मुग़ल साम्राज्य की नींव पानीपत में जीत के बाद रखी। वर्तमान समय में भी हरियाणा और उत्तर प्रदेश दिल्ली के खिलाफ आन्दोलनों की ज़मीन रहें हैं। हरियाणा ने ही किसानों को दिल्ली जाने से एक साल रोके रखा। इसलिए हरियाणा के परिणाम से केन्द्र सरकार और भाजपा नेतृत्व को राहत मिलेगी। दिल्ली के उनके क़िले का सुरक्षा कवच कायम है। […]

अनिश्चित, अस्थिर दुनिया में भारत , India In An Unstable World

October 3, 2024 Chander Mohan 0

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रूस, यूक्रेन और अमेरिका की यात्राओं ने एक बार फिर प्रदर्शित कर दिया कि भारत अब बड़ा अंतराष्ट्रीय खिलाड़ी बन गया है। रूस,फ़्रांस और ब्रिटेन के नेताओं ने भारत को सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य बनाने की वकालत की है। अमेरिका पहले ही समर्थन दे चुका है। मामला चीन पर जा कर रूका हुआ है। इंग्लैंड के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर की भविष्यवाणी है कि 2050 तक अमेरिका, चीन और भारत तीन सुपर पावर होंगे। प्रधानमंत्री मोदी की यात्राओं से यहाँ यह चर्चा शुरू हो गई कि भारत यूक्रेन युद्ध में मध्यस्थता कर सकता है। रूस के राष्ट्रपति ने खुलेआम कहा भी है कि वह चाहतें हैं कि भारत, चीन और ब्राज़ील मध्यस्थता करें पर यह […]