दिल बहलाने को ख्याल अच्छा है!

July 4, 2013 Chander Mohan 1

दिल बहलाने को ख्याल अच्छा है! नीतीश कुमार एनडीए छोड़ गए हैं। अपने ‘नरेंद्रभाई’ से अब उन्हें अलर्जी है। जब 2002 में गुजरात के दंगे हुए थे तो नीतीश कुमार एनडीए के रेलमंत्री थे। उस वक्त उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया। बाद में भाजपा के साथ गठबंधन कर वे मुख्यमंत्री बन गए। कोई तकलीफ नहीं हुई। 2003 में उन्हें मोदी से गुजरात से बाहर निकलने का आग्रह किया पर अब अचानक इन्हीं मोदी को वे बर्दाश्त नहीं कर रहे। ऐसी पाखंडी हमारी राजनीति है। पूर्व के प्रांतो की शिकायत है कि वे पिछड़े हैं। पर अगर ‘बीमारू’ मध्यप्रदेश 2012-13 में देश में सर्वश्रेष्ठ विकास की दर 10.02 प्राप्त सकता है तो पूर्व के प्रदेश क्यों नहीं कर सकते? इसका कारण है […]

जमाना बेताब है करवट बदलने को!

July 4, 2013 Chander Mohan 0

जमाना बेताब है करवट बदलने को! भाजपा के भीष्म पितामह ने अपना अंतिम बाण चला दिया। उन्होंने इस्तीफ दे दिया। लेकिन वे भी देख रहे होंगे कि यह बाण कहीं लगा नहीं। मीडिया में हलचल के बावजूद पार्टी अब अपनी दिशा बदलने के लिए तैयार नहीं। संसदीय बोर्ड ने भी उन्हें मार्गदर्शन तथा सलाह देने का आग्रह किया है किसी ने यह नहीं कहा कि पितामह! बाणशैय्या से उठिए और 2014 के युद्ध में हमारा नेतृत्व कीजिए! भाजपा ने अपना भविष्य तय कर लिया है, और आडवाणी उसका हिस्सा नहीं हैं। इस जगह तक पार्टी को पहुंचाने में आडवाणीजी की बड़ी भूमिका है। भाजपा के जितने नेता हैं, नरेंद्र मोदी समेत, उन सबको एक प्रकार से उन्होंने उंगली पकड़ कर […]

आडवाणी : समाधान या समस्या?

July 4, 2013 Chander Mohan 11

आडवाणी : समाधान या समस्या? हाल ही में देश में जो राजनीतिक सर्वेक्षण हुए हैं वे तीन बातें स्पष्ट करते हैं। एक, कांग्रेस निरंतर गिर रही है। वोट प्रतिशत 10 प्रतिशत या अधिक गिर रहा है। दूसरा, भाजपा को उतना फायदा नहीं हो रहा है जितना कांग्रेस के पतन से होना चाहिए और तीसरा, भाजपा तब ही सरकार बनाने के नजदीक पहुंचेगी अगर नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया जाएगा। प्रधानमंत्री पद के भाजपा के जो दिल्ली वाले दावेदार हैं वे कितने ही अनुभवी तथा प्रभावशाली हों वे लोगों को उत्साहित नहीं करते। भाजपा के लिए यह खुशी और संतोष की बात होनी चाहिए कि निचले स्तर से शुरू हुए नरेन्द्र मोदी इतना ऊंचा पहुंचने की क्षमता […]

मनमोहन सिंह के बाद कौन?

July 4, 2013 Chander Mohan 1

मनमोहन सिंह के बाद कौन? अफसोस की बात है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का नेता जनता द्वारा सीधा चुना हुआ नहीं है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने फिर राज्यसभा के लिए असम से नामांकन भरे हैं। किसी भी लोकतांत्रिक देश में ऐसा स्वीकार नहीं होगा। अब तो पाकिस्तान में भी प्रधानमंत्री सीधा जनता के द्वारा चुना गया है। हमारे देश में सभी बड़े नेता जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी सीधे जनता द्वारा निर्वाचित थे। जब पी वी नरसिंहा राव प्रधानमंत्री बने तो वे किसी सदन के सदस्य नहीं थे। वह तो सामान बांध कर अपने हैदराबाद लौट रहे थे कि उनके सर पर ताज रख दिया गया। वे भी छ: महीने के अंदर-अंदर लोकसभा के […]

बादशाहो, ऐन्ना दम हैगा?

July 4, 2013 Chander Mohan 0

बादशाहो, ऐन्ना दम हैगा? तालिबान, जिसने कहा था कि उनका मकसद पाकिस्तान में लोकतंत्र की हत्या करना है, की धमकियों की परवाह किए बिना पाकिस्तान की जनता ने चुनाव में भारी मतदान किया और तीसरी बार नवाज शरीफ को सत्ता संभाल दी है। सेना तथा कट्टरवादियों के घातक मिश्रण ने उस देश को तबाह कर रख दिया है। आज पाकिस्तान के अर्थव्यवस्था, सामाजिक जीवन, संस्कृति, राजनीति, सब पर कट्टरवाद का काला साया है। सरकारी प्रचार के द्वारा भारत के साथ दुश्मनी कायम रखी गई। पर पाकिस्तान की जनसंख्या का लगभग 50 प्रतिशत 30 वर्ष से कम आयु का है। इस पीढ़ी की अपनी जरूरतें हैं जिसमें प्रमुख रोजगार है, और आजादी है। लाहौर के प्रसिद्ध एफ सी कालेज के हिस्ट्री […]

यह सरकार उधड़ रही है

July 4, 2013 Chander Mohan 0

यह सरकार उधड़ रही है ए खाक नशीनो उठ बैठो वह वक्त करीब है आ पहुंचा जब तख्त गिराए जाएंगे जब ताज उछाले जाएंगे! ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। बदनामी में रेलमंत्री तथा कानून मंत्री का एक साथ स्कैंडलों के बीच हटना कोई मामूली बात नहीं है। इसका श्रेय सोनिया गांधी को देने की कोशिश की गई। मानना भी पड़ेगा कि सोनिया गांधी का राजनीतिक एंटीना बाकी सबसे अधिक चुस्त और ऊंचा है। वह भांप गई थी कि इन दोनों मंत्रियों को बचाने की कीमत बहुत अधिक होगी। अब अवश्य कहा जा रहा है कि यह निर्णय सोनिया गांधी तथा प्रधानमंत्री दोनों का संयुक्त था पर पहले तो सोनिया की भजनमंडली ने बदनामी सहने के लिए डॉक्टर साहिब को अकेले […]